दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी महीने में हुए दंगों की कथित साजिश रचने के आरोप में शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत ‘पिंजरा तोड़’ की कार्यकर्ता नताशा नरवाल को गिरफ्तार कर लिया।पुलिस ने बताया कि नरवाल के साथ ही अन्य मामले में गिरफ्तार की जा चुकी जेएनयू छात्रा देवांगना कलिता भी दंगों में भूमिका के मद्देनजर अपराध शाखा की जांच के दायरे में हैं और 11 जून तक न्यायिक हिरासत में हैं। ये दोनों ही पिंजरा तोड समूह से जुड़ी हुई हैं, जोकि दिल्ली भर के कॉलेज की छात्राओं एवं पूर्व छात्रों का एक समूह है। दोनों वर्तमान में यहां की मंडोली जेल में बंद हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘हमारे पास उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में साजिश रचने को लेकर नताशा नरवाल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, जिसकी जांच स्पेशल सेल कर रही है। ऐसे में हमने अदालत की अनुमति के बाद उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया है।’ दोनों को फरवरी में जाफराबाद में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हुए एक प्रदर्शन के सिलसिले में गत 23 मई को गिरफ्तार किया गया था और एक दिन बाद इस मामले में दोनों को अदालत ने जमानत दे दी थी। अदालत द्वारा आदेश पारित करने के कुछ ही समय बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक अर्जी दायर करके उनसे पूछताछ का अनुरोध किया और हिंसा से जुड़े एक अन्य मामले में उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया था और बृहस्पतिवार को दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में गत 24 फरवरी को दंगे भड़क गए थे, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हुए थे।