वायरल चिट्ठी से प्रशासनिक महकमें में तूफ़ान, जांच में पाया गया भ्रामक

आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,

वायरल चिट्ठी से प्रशासनिक महकमें में तूफ़ान, जांच में पाया गया भ्रामक

जौनपुर। गुरुवार की देर शाम से सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही एक चिट्ठी से जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया है। डीएम ने इस चिट्ठी की जांच एसडीएम से कराया तो प्रथम दृष्टया मामला भ्रामक पाया गया। इस मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी ने आज एडीएम को शाहगंज भेजा है। डीएम ने जिले के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोई भी अधिकारी किसी प्राइवेट व्यक्ति से कार्य न कराये न ही किसी को अनावश्यक रूप से कार्यालय में घुसने दे।
गुरुवार की शाम से सोशल मीडिया में डीएम को सम्बोधित एक शिकायती पत्र तेजी से वायरल हो रहा है। पत्र लिखने वाले राजाराम नाम के व्यक्ति राजाराम ने लिखा है कि वह नायब तहसीलदार लपरी का प्राइवेट चपरासी है, उनके घूस का पैसा हम ही अधिवक्ताओं व जनता से वसूलते है , मेरे नीचे अविनाश यादव व अजीत यादव है हम लोग लगातार झगड़ा कर मारपीट कर घूस का पैसा वसूलते हैं

प्राइवेट चपरासी को ₹1000 पतिदिन मिलता है मुझे ₹500 ही नायब तहरीलदार देते हैं मेरा पैसा बढ़ाया जाए ।

डीएम इस मामले की जांच करने के लिए एसडीएम शाहगंज को आदेश दिया। इस मामले की नायब तहसीलदार लपरी व तहसीलदार शाहगंज के द्वारा संयुक्त जाँच करायी गयी। जॉच में राजाराम यादव या किसी अन्य नाम का कोई भी प्राइवेट कर्मचारी तहसील शाहगंज में कार्यरत नहीं पाया गया। शिकायतकर्ता राजाराम यादव का मोबाइल नम्बर, पिता का नाम व पता पता अंकित नही है। प्रथम दृष्टया शिकायत मिथ्या एवं भ्रामक है।

जिलाधिकारी ने रविन्द्र कुमार मादड़ ने बताया कि इस मामले की एसडीएम से जांच कराई गई जिसमें राजाराम नाम का कोई प्राइवेट कर्मचारी नही हैं , फ़िलहाल पूरे मामले की जांच के लिए आज एडीएम को शाहगंज भेजा गया है । डीएम ने सभी विभागों के अधिकारियों को आदेश दिया है कि कोई भी अधिकारी प्राइवेट कर्मचारी से काम न ले न ही किसी व्यक्ति को अनाधिकृत रूप से दफ्तर में घुसने दे।

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