वन विभाग की मिलीभगत से चलाये जा रहे अवैध आरा मशीन

Alok Verma, Jaunpur Beauro,

वन विभाग की मिलीभगत से चलाये जा रहे अवैध आरा मशीन

लोगों की मानें तो क्षेत्रीय वन दरोगा दे रहे संरक्षण
विभाग के उच्चाधिकारियों को शायद भनक तक नहीं
धर्मापुर, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड क्षेत्र के इमलो गांव में वर्षों से अवैध रूप से आरा मशीन का संचालन हो रहा है परंतु वन विभाग के अधिकारी जानकर भी मुकदर्शक बने हुये हैं। जहां शासन—प्रशासन द्वारा अवैध कार्य पर अंकुश लगाने पर प्रतिबंध हैं, वहीं वन विभाग के अधिकारी शासन—प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन न करते हुए उन्हें ठेंगा दिखाकर अपनी मिलीभगत से अवैध आरा मशीन मालिकों के साथ सांठ—गांठ बनाकर अवैध आरा मशीन चलाने में पूर्ण रूप से सहयोग कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार वन विभाग की देख—रेख करने वाले मातहत पेड़ों की रेख—रेख करने के बजाय अवैध आरा मशीन की देख—रेख करने में व्यस्त हैं। चर्चाओं की मानें तो अच्छी—खासी रकम लेकर वन विभाग के अधिकारी अवैध रूप से आरा मशीन चलवा रहे हैं। ऐसे में लगता है कि वन विभाग के उच्चाधिकारी सब कुछ जानते हुए भी मूकदर्शक बने हुये हैं। सरकार द्वारा चलाये जाने वाले अभियान को ताख पर रखकर वन विभाग के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं जिसके चलते अवैध कार्य करने वाले ठेकेदारों का मन काफी बढ़ चुका है जो और तेजी से अवैध धंधा कर रहे हैं। क्षेत्रीय नागरिकों ने बताया कि क्षेत्रीय दरोगा की शह पर कई अवैध आरा मशीन का संचालन हो रहा है जबकि शासन—प्रशासन विश्व पर्यावरण दिवस पर स्वयं के साथ लोगों से भी पर्यावरण को बनाये रखने के लिये पौधरोपण करने की बात करता है। फिलहाल आलम यह है कि सरकार प्रतिबन्धित हरे पेड़ों की कटाई की रोकथाम के लिए जहां वन विभाग में वन दरोगा नियुक्त किया है, वहीं सरकार के नियमों को ताख पर रखते हुए अपनी सरकार चलाकर वन विभाग के अधिकारी अवैध आरा मशीन के साथ ठेकेदारों को भी आशीर्वाद प्रदान किये हुये हैं। ऐसे में पेड़ों की कटान धड़ल्ले से की जा रही है जो सीधे अवैध रूप से एवं वन दरोगा के आशीर्वाद से चल रहे आरा मशीन तक पहुंच जा रहे हैं। चर्चाओं की मानें तो विभागीय सांठ—गांठ का आलम यह है कि देशी आम के पेड़ों में फल होने के बजाय उन्हें चोरी—छिपे काटे जा रहे हैं। स्थानीय वन दरोगा की मिलीभगत से रातों-रात पेड़ों को काटकर धड़ल्ले से चलाये जा रहे अवैध आरा मशीन तक पहुंचा दिया जाता है जिसकी वजह में उन्हें अच्छी—खासी रकम मिल जाती है जो पहले से ही तय है।

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