आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,
आशुतोष हत्याकाण्ड में नामज़द हुए नासिर जमाल
पत्रकार , आरटीआई कार्यकर्ता और फ़ायर ब्रांड हिंदुत्वादी नेता आशुतोष श्रीवास्तव हत्याकाण्ड में मुंबई के बड़े बिज़नेसमैन नासिर जमाल , उनके कज़िन अर्फ़ी उर्फ़ कामरान सहित चार लोगों के ख़िलाफ़ नामज़द मुकदमा दर्ज हुआ है।जिसमें एक आरोपी पशु तस्कर ज़हीरुद्दीन को पुलिस ने मुम्बई से गिरफ़्तार कर लिया है।इस हत्याकाण्ड में नासिर जमाल और अर्फ़ी का नामज़द होना लोगों को हज़म नहीं हो रहा है।
कौन हैं नासिर जमाल !
सबरहद गांव के मूल निवासी नासिर जमाल मुम्बई के बड़े बिज़नेसमैन हैं।मुम्बई में उनका शुमार उत्तर भारत के बड़े करोबारियों में होता है।घुड़सवारी के शौकीन नासिर मुम्बई महानगर पालिका के नगरसेवक रह चुके हैं।वह शाहगंज क्षेत्र के इमरानगंज बाज़ार में कई शिक्षण संस्थाओं का संचालन भी करते हैं।सबरहद गांव में नासिर जमाल की हवेली जौनपुर ज़िले की सबसे शानदार इमारतों में से एक है।
क्या थी नासिर और आशुतोष की अदावत !
नासिर और आशुतोष की अदावत 21 बरस पुरानी है।उस वक़्त बनी नासिर जमाल की महल नुमा हवेली की बाउंड्री वाल से रामलीला मैदान का रास्ता बाधित हो रहा था।आशुतोष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और लम्बी लड़ाई लड़ी।2003 में यह विवाद हफ़्ते भर अख़बारों की की सुर्खियां बना।गांव ही नहीं इलाके के सबसे धनाढ्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ आशुतोष की अदावत आज भी जारी थी।बावजूद इसके इस हत्याकाण्ड में नासिर जमाल का नामज़द होना किसी को हज़म नहीं हो रहा है।लोग दबी ज़ुबान में इसे गंवई सियासत से जोड़ रहे हैं।
अर्फ़ी के आरोपी बनने से हैरान हैं लोग !
नासिर जमाल के ममेरे भाई अर्फ़ी उर्फ कामरान को नामज़द किये जाने से हर कोई हैरान है।दरअसल अर्फ़ी और आशुतोष के बीच दोस्ताना रिश्ते थे।गाहे बगाहे दोनों का साथ मे खाना पीना था।कहा तो यह भी जाता है कि अर्फ़ी अक्सर आशुतोष की आर्थिक मदद भी करते थे।घटना के दिन भी अस्पताल से लेकर पोस्ट मार्टम और अगले दिन अंतिम संस्कार में अर्फ़ी मौजूद रहे।
क्या है अर्फ़ी पर आरोप !
पुलिस को दी गयी तहरीर में बताया गया है कि अर्फ़ी घटना स्थल पर मौजूद थे।अर्फ़ी ने ही अशुतोष को रुकवाया और बदमाशों को को ललकार कर गोली मरवाई।जबकि अर्फ़ी अपनी सफ़ाई में कुछ और ही कहानी बताते हैं।
क्या कहना है अर्फ़ी का !
अर्फ़ी ने बताया कि घटना के समय वह गांव की एक दुकान से गुटखा खरीद रहे थे।वहीं किसी ने उन्हें घटना की जानकारी दी।अर्फ़ी अपनी कार लेकर घटना स्थल की तरफ भागे।साथ मे गांव के 2 औऱ लोग भी थे।घटना स्थल पर पता चला कि अशुतोष को शाहगंज अस्पताल ले जाया गया है।अर्फ़ी के मुताबिक मैं अस्पताल भी गया।अर्फ़ी का कहना है कि घटना के वक़्त मेरी वहां मौजूदगी की बात पूरी तरह फ़र्ज़ी है।गांव में लगे कुछ सीसीटीवी कैमरे खंगाले जाएं तो मेरी बेगुनाही साबित हो जाएगी।