कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन में फंसे लोगों की घर वापसी के लिए कल यानी सोमवार से घरेलू विमानों की सेवा शुरू हो रही है। हवाई यात्रियों को क्वारंटाइन करने को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है, जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को एक गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन के मुताबिक, घरेलू हवाई यात्रियों के लिए राज्य खुद क्वारंटाइन और आइसोलेशन प्रोटोकॉल बनाने के लिए स्वतंत्र है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि अगर किसी हवाई यात्री में कोरोना के लक्षण नहीं पाए जाते हैं तो उसे क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा, बल्कि उसे सीधे घर भेज दिया जाएगा, जहां उसे खुद को 7 दिनों तक आइसोलेट करके रहना होगा। मगर अंतिम फैसला राज्यों पर छोड़ा गया है ताकि वे अपने आंकलन के आधार पर क्वारंटाइन प्रोटोकॉल बना सकें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घरेलू यात्रा को लेकर जो गाइडलाइन जारी की है, उसमें 12 प्वाइंट हैं। 8वें नंबर के प्वांट से ध्यान देने वाली बात है कि जब हवाई यात्री विमान से उतरकर एयरपोर्ट से बाहर जाएगा तो उस राज्य में उसे किन-किन नियमों का पालन करना होगा। एयरपोर्ट से उतरते ही यात्री को एग्जिट प्वाइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा।
गाइडलाइन कहता है कि अगर किसी यात्री में कोरोना के लक्षण नहीं पाए जाते हैं तो उसे घर जाने की इजाजत होगी, मगर उसे 14 दिनों तक सेल्फ आइसोलेट करना होगा। इस दौरान अगर कोई लक्षण सामने आते हैं तो उसे जिला राज्य या केंद्र के सर्विलांस अधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी। कोरोना के हल्के लक्षण दिखने की स्थिति में नजदीक के अस्पताल में ले जाया जाएगा। वहीं, किसी यात्री में कोरोना के गंभीर लक्षण दिखते हैं तो उसे समर्पित कोविड हेल्थ फैसिलिटी में एडमिट किया जाएगा।
गाइडलाइन के 12वें नंबर प्वाइंट में स्पष्ट किया गया है कि कोरोना को लेकर क्वारंटाइन या आइसोलेशन प्रोटोकॉल बनाने के लिए राज्य सरकारें स्वतंत्र हैं। यानी किसी भी राज्य का हवाई यात्री घर जाएगा या क्वारंटाइन सेंटर यह उस राज्य की सरकार के फैसले के ऊपर निर्भर है।
इसके अलावा, सभी यात्रियों को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा। इतना ही नहीं, उन्हें हर वक्त मास्क पहनकर रहना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करना होगा। इससे एक दिन पहले नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि जिन यात्रियों में कोविड-19 के लक्षण नहीं हैं और आरोग्य सेतु ऐप पर ग्रीन स्टेटस है, उन्हें क्वारंटाइन में भेजे जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू उड़ान सेवाओं के 25 मई से शुरू होने और भारत में 31 मई तक लॉकडाउन लागू होने के बीच कोई विरोधाभास नहीं है। हरदीप सिंह पुरी ने फेसबुक पर लाइव सेशन में कहा, ”हम साफ कर चुके हैं कि यदि किसी के पास आरोग्य सेतु ऐप है और इसका स्टेटस ग्रीन है तो यह पासपोर्ट की तरह है। कोई व्यक्ति क्यों क्वारंटाइन चाहेगा।” पुरी ने कहा कि मंत्रालय की ओर से जारी विस्तृत गाइडलाइंस जारी की गई है।कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन की वजह से दो महीने से अधिक समय से देश में विमान सेवाओं पर रोक है। अब सरकार ने 25 मई के कुछ रूटों पर घरेलू विमान सेवा शुरू करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने घरेलू हवाई यात्रा के दौरान सभी यात्रियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप अनिवार्य किया है। हालांकि, 14 साल से कम आयु के बच्चों को इससे छूट दी गई है।
क्या हैं राज्यों में क्वारंटाइन के नियम:–
सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, महाराष्ट्र पहुंचे प्रत्येक यात्री के उतरने पर स्क्रीनिंग के बाद, उन्हें बड़े होटलों में 14 दिनों के अनिवार्य क्वारंटाइन में भेजा जाएगा। दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचने वाले प्रत्येक भारतीय को 14-दिन के क्वारंटाइन से गुजरना होगा। भले ही कोई उनमें कोरोना वायरस के लक्षण न हों, लेकिन ये जरूरी होगा। हालांकि इससे पहले सरकार ने लक्षण नहीं दिखा रहे यात्रियों के लिए होम क्वारंटाइन की अनुमति दी थी।पंजाब सरकार की सलाह के अनुसार, पंजाब लौटने वाले लोगों को 14 दिनों के लिए खुद को होम क्वारंटाइन करना होगा। उनमें कोरोना के लक्षण न होने पर भी ये जरूरी होगा। राजस्थान सरकार ने राज्य में आने वाले सभी के लिए सरकारी संस्थान में 14-दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य किया है।बिहार और झारखंड आने वालों को पैसे देकर 14 दिनों की क्वारंटाइन सुविधा में रहना होगा। हालांकि, झारखंड में, सरकार 500,000 लोगों के लिए क्वारंटाइन की व्यवस्था कर रही है।