ब्यूरो,
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित शहर के सबसे व्यस्त चौराहे गोदौलिया पर दारोगा को पीटने वालों की पांच दिन बाद भी गिरफ्तारी तो दूर की बात मुख्य आरोपी का नाम ही एफआईआर से बाहर कर दिया गया है। इसे लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीधे सीएम योगी को घेरा है। यहां तक आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास से फोन आने पर योगी के खासमखास का नाम एफआईआर से हटा दिया गया है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि जिसकी शादी में मुख्यमंत्री जी प्रोटोकॉल तोड़कर गये हों, उसकी ही इतनी हिम्मत होगी कि वो किसी पुलिसवाले को सरेआम मारे। जबकि सब कुछ जनता के सामने बीच-बाज़ार हुआ फिर भी भाजपाई दबंगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस घटना के बाद पूरे पुलिस विभाग का मनोबल गिरा है और अंदर-ही-अंदर आक्रोश पनप रहा है।
अखिलेश ने आगे लिखा कि भाजपाइयों द्वारा किये गये अपराधों के ख़िलाफ़ यूपी की भाजपा सरकार ज़ीरो कार्रवाई करती है। जो सरकार पुलिस का मनोबल तोड़ती है वो कहीं-न-कहीं अपराधियों के हौसले बुलंद करती है। भाजपा ये नहीं कह सकती है कि विपक्ष झूठे आरोप लगा रहा है क्योंकि ये तो दिनदहाड़े घटी घटना है, जिसके सैकड़ों गवाह हैं। जो सरकार अपनी पुलिस के मान-सम्मान की रक्षा नहीं कर सकती, वो भला ग़रीब, किसान, महिला व विरोध कर रहे बेरोज़गार युवाओं की हिफ़ाज़त क्या करेगी।
अखिलेश यादव ने सपा के उस पोस्ट को रिपोस्ट भी किया है, जिसमें सीएम योगी वाराणसी में आयोजित हिन्दु युवा वाहिनी के पूर्व मंडल प्रमुख अंबरीष सिंह भोला की शादी में शामिल होने पहुंचे थे। अंबरीश सिंह भोला की शादी की फोटो के साथ लिखा है कि योगी जी कहते हैं कि उनके राज में जो कानून के साथ खिलवाड़ करेगा वो मिट्टी में मिला दिया जाएगा। लेकिन योगी जी के खासमखास चेले अम्बरीष सिंह भोला के नेतृत्व में गठित हियुवा के उद्दंड, गुंडे, बदमाश लोगों की एक पूरी टीम है जो ना सिर्फ कानून को रौंद रही बल्कि कानून/पुलिस का कॉलर पकड़ रही और लात-जूते-घूंसे से कानून/पुलिस को मार रही और इन गुंडे बदमाशों को योगी जी का सीधा संरक्षण है। इसके कारण ये गुंडे बदमाश गिरफ्तार नहीं होते बल्कि FIR से योगी जी के खासमखासों का नाम लखनऊ मुख्यमंत्री निवास के फोन के बाद हटा दिया गया है।
वाराणसी में घटना वाले दिन भी अखिलेश यादव ने वारदात का वीडियो पोस्ट कर लिखा था कि देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा दरोगा के साथ हिंसक व्यवहार भाजपाई अराजकता की पराकाष्ठा है। अब देखते हैं इन असामाजिक तत्वों के घरों पर बुलडोज़र कब चलता है।
पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। कई लोग पूरे घटना का वीडियो भी बनाते रहे। कुछ देर में ही थाने से फोर्स भी पहुंची और युवकों को हिरासत में लिया गया लेकिन कुछ देर में छोड़ दिया गया। घटना का वीडियो वायरल हुआ तो दारोगा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। लेकिन यहां भी खेल हो गया। दारोगा ने छह युवकों को नामजद किया लेकिन एफआईआर में केवल पांच को ही नामजद करके रिपोर्ट लिखी गई। वीडियो में दिख रहे मुख्य आरोपी अजय सिंह का नाम एफआईआऱ से निकाल दिया गया। अखिलेश यादव ने इसी अजय सिंह का नाम निकालने पर योगी को घेरा है। आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आने पर अजय सिंह का नाम निकाला गया।
अजय सिंह हिन्दु युवा वाहिनी का वाराणसी महानगर अध्यक्ष रहा है। सीएम योगी जिस हिन्दू युवा वाहिनी के पूर्व मंडल अध्यक्ष अंबरीश सिंह भोला की शादी में प्रोटोकाल तोड़कर पहुंचे थे उसका सबसे करीबी अजय सिंह ही है। यूपी में योगी की सरकार बनने पर उसका दखल थानों से लेकर हर विभाग के अधिकारियों और तमाम बड़े नेताओं तक बढ़ गया। खुद को कई बड़े नेताओं का करीबी बताकर अफसरों पर रौब और रसूख दिखाना उसके लिए आम बात हो गई है।