दिल्ली हाईकोर्ट ने हत्या के एक दोषी को चार सप्ताह की पैरोल दी है जिसने जीवनसाथी की खोज के लिए चार हफ्ते की राहत का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने अभियुक्त को यह राहत प्रदान की जो 2005 से उम्रकैद की सजा काट रहा है। अदालत ने उसे 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर राहत दी है।
अदालत ने कहा कि इस तथ्य के मद्देनजर कि याचिकाकर्ता (दोषी) का समाज में पारिवारिक संबंध हैं और उसने उन संबंधों को बनाए रखने के लिए पैरोल की मांग की है। अदालत ने कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि याचिकाकर्ता की रिहाई से उसके परिवार के सदस्यों को नुकसान होगा।अदालत ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता व दोषी को रिहा किए जाने के समय और उसके वापस जेल में आत्मसमर्पण के समय लोक स्वास्थ्य संबंधी सभी सावधानी बरती जाए।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को पंजाबी बाग और सिविल लाइंस थानों के प्रभारियों को अपने मोबाइल फोन नंबर के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया। उनके अधिकार क्षेत्र में ही याचिकाकर्ता का घर है। उसे मोबाइल फोन हर समय चालू रखने को भी कहा गया है।