ब्यूरो,
मौजूदा सरकार के अंतिम बजट में इनकम टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स के मोर्चे पर कोई राहत नहीं मिली है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ऐसी घोषणा की है जिससे करीब एक करोड़ इनकम टैक्सपेयर्स राहत की सांस ले सकते हैं। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बकाया टैक्स को लेकर नोटिसों को निपटाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है। 1962 से 2010 तक के 25 हजार रुपये तक की और वर्ष 2011 से 2015 तक के 10 हजार रुपये की बकाया टैक्स डिमांड को माफ किया जाएगा।
अगर किसी के पास 1962 से लेकर वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान 25 हजार रुपये तक का डायरेक्ट टैक्स बकाए का नोटिस भेजा गया है तो ये मामले वापस ले लिए जाएंगे। इसी तरह वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 के बीच बकाया डायरेक्ट टैक्स के नोटिस से जुड़े 10 हजार रुपये तक के मामलों को भी वापस लेने का फैसला किया गया है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस कदम से करीब एक करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध है और हमारा यह कदम इस दिशा में एक और कदम है। इसका उद्देश्य टैक्स विवाद से जुड़े छोटे मामलों का निपटारा करने का है ताकि टैक्स डिपार्टमेंट्स अपनी एनर्जी का इस्तेमाल राजस्व बढ़ाने के लिए कर सकें। उन्होंने कहा कि इससे दो बातें होंगी, एक तो छोटे टैक्सपेयर्स को मानसिक शांति मिलेगी और विभाग ज्यादा जरूरी कामों पर फोकस कर पाएगा। निर्मला सीतारमण ने बताया कि पुराने विवादों के समाधान के ऐलान से टैक्स रिफंड की प्रक्रिया आसान होगी। उन्होंने कहा, “बड़ी संख्या में कई छोटी-छोटी, गैर-सत्यापित, गैर-समायोजित या विवादित टैक्स डिमांड्स बही खातों में लंबित हैं। इनमें से कई डिमांड्स तो वर्ष 1962 तक के हैं। इसकी वजह से ईमानदार करदाताओं को परेशानी होती है तथा रिफंड जारी करने की प्रक्रिया में भी बाधा आती है।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा,”चार प्रमुख जातियों पर ध्यान देने की जरूरत है, जो गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता हैं। उन्होंने कहा कि इनकी आवश्यकताएं, आकांक्षाएं और कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में है।देश तभी तरक्की करता है, जब ये तरक्की करते हैं। इन चारों को उनकी जिंदगी बेहतर बनाने के प्रयासों में सरकार का समर्थन चाहिए और मिलता है। उनके सशक्तीकरण और भलाई से देश आगे बढ़ेगा।” उन्होंने कहा कि पहले सामाजिक न्याय ज्यादातर राजनीतिक नारा होता था, लेकिन इस सरकार के लिए सामाजिक न्याय शासन का प्रभावी और आवश्यक मॉडल है।