कृषकों को दिया गया प्रशिक्षण

आलोक वर्मा, जौनपुर,

कृषकों को दिया गया प्रशिक्षण

जौनपुर। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जनपद में औद्यानिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्यान निदेशालय के जारी रोस्टर के क्रम में कार्यालय परिसर में पजीकृत किसानों को शाकभाजी, मसाला और पुष्प बीज उपलब्ध कराने के निमित्त उ.प्र. राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाफेड), लखनऊ की इपैनलड संस्थाओं द्वारा जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय परिसर में बीजों के स्टाल लगाए गए व पीडीएमसी योजनान्तर्गत एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। आपूर्तिकर्ता संस्थाओं द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना सहित अन्य विभागीय योजनाओं में शाकभाजी और मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम हेतु जायद मौसम की फसलों के संकर सब्जी बीज किसानों की मांग पर उपलब्ध कराये गये। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. सीमा सिंह राणा ने जानकारी दिया कि निदेशालय द्वारा नामित संस्था मैसर्स कलश सीड्स प्रा.लि., मैसर्स बापना सीड्स प्रा.लि., मैसर्स अमित फ्लोरीटेक संस्था ने अपने स्टाल लगाये। जनपद के विभिन्न क्षेत्र में पजीकृत कुल 100 से अधिक किसानों ने उनके स्टालों पर बीजों का अवलोकन किया और जिनका पंजीकरण नहीं था पजीकरण कराया। किसानों ने संकर तरोई, लौकी, करेला, टमाटर, भिंडी, प्याज, गेंदा आदि के बीजों की मांग की।
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया की किसानों का पंजीकरण कराने के उपरान्त निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप उनकी मांग और प्रजाति चयन के हिसाब से बीज उपलब्ध कराने हेतु सम्बन्धित संस्था को निर्देशित कर दिया गया है जिससे अगले हफ्ते में आपूर्तिकर्ता संस्था द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। टपक सिंचाई से सम्बन्धित पर ड्राप मोर क्राप माइक्रोइरीगेशन योजनान्तर्गत एक दिवसीय 100 कृषक प्रशिक्षण का भी आयोजन किया गया जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कुमार कन्नौजिया एवं डॉ. सुरेन्द्र प्रताप सोनकर द्वारा जैविक खेती व सब्जी पुष्प मसाला के उत्पादन तकनीक पर विस्तार से चर्चा की गयी। बताया गया कि नवीन तकनीकियों को अपनाकर कृषक अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
साथ ही जिला उद्यान अधिकारी ने पीडीएमसी योजनान्तर्गत ड्रिप/स्प्रिकलर में लघु सीमान्त कृषकों को 90 प्रतिशत एवं सामान्य कृषको को 80 प्रतिशत अनुदान देय है। एमआईडीएच योजनान्तर्गत डैग्रैन फ्रूट व स्टावेरी की खेती से होने वाले लाभ के विषय में चर्चा की गयी व परियोजना आधारित कार्यक्रम की जानकारी किसानों को मुहैया करायी गयी। इसी प्रकार प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना जिसमें 35 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रूपये अनुदान की व्यवस्था है कोई भी प्रसंस्करण इकाई के लगाने अथवा उन्यन करने पर देय है का लाभ उठाने के लिए किसानों से अपील की गयी।

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