आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,
स्वच्छता अभियान सिर्फ बातों में ही है
प्रधानमंत्री के मंत्र ‘ना गन्दगी करेंगे, ना करने देंगे’ का केराकत में हो रही हवा—हवाई
दिवालों पर लिखे स्वच्छता अभियान के स्लोगन पर दिखी पान की पिचें
केराकत, जौनपुर। देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान का नारा देकर स्वच्छता अभियान पर निरंतर मन की बात के तहत लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करते हैं तथा साफ सफाई पर जोर देते हैं। इसके लिए सरकारी मुलाजिम भी समय-समय पर प्रधानमंत्री के अभियान की सार्थकता पर बातें तो खूब लंबी चौड़े करते हैं, मगर जमीनी हकीकत कुछ और है।
उदाहरण के तौर पर केराकत तहसील दिवस सभागार का ऊपरी तल व ऊपर जाने वाली सीढ़ियो पर फैली गंदगी को देखा जा सकता हैं जहां साफ सफाई अभियान की धज्जियां उड़ती हुई नजर आती हैं। दीवारों व सीढ़ियों पर आने-जाने वाले रास्तों पर पान और गुटखा की पींके अभियान की सच्चाई को दर्शाती हैं। यहां तक कि दिवालों पर लिखे स्वच्छता अभियान के स्लोगन पर भी पान की पिचें दिखाई दे रही हैं। पिछले अंक में “तेजस टुडे” ने विस्तार से स्वच्छता अभियान को आईना दिखाते हुए और इसकी जमीनी हकीकत की पड़ताल करते हुए खबर प्रकाशित किया था। इस उम्मीद के साथ की अधिकारी और कर्मचारी इस पर गौर फरमाते हुए सफाई अभियान के जरिए गंदगी को दूर करने का कार्य करेंगे लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि केवल झाड़ू तक ही नजरे इनायत रही है। इसके बाद सभी ने चुप्पी साध रखी है जिससे उक्त समस्या और गंदगी जस का तस यथावत आज भी बनी हुई है।
“तेजस टुडे” ने केराकत तहसील दिवस सभागार की ऊपरी तल व सीढ़ियों पर व्याप्त गंदगी को इंगित करते हुए प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित करने के साथ ही ट्वीट कर अधिकारियों और संबंधित लोगों का ध्यान आकर्षित भी कराया था। बावजूद इसके व्यवस्था में सुधार अभी नजर नहीं आ रहा है जबकि देखा जाए तो नगर पंचायत की सफाईकर्मियों के साथ ही ग्राम पंचायत में सफाईकर्मियों की भारी भरकम फौज है। बावजूद इसके भी साफ—सफाई व्यवस्था को मुंह चिढ़ाते हुए अपनी बदहाली की दास्तान कहते हुए नजर आ रहा है। ऐसे में बरबस लोगों के जुबान से शब्द फूट पड़ते हैं कि क्या यही प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत अभियान की तस्वीर है?