ब्यूरो,
उत्तर प्रदेश के झांसी में 12 पुलिसकर्मियों पर तीन कैदी भारी पड़ गए। पुलिस अभिरक्षा में रेलवे कोर्ट में पेशी पर लाए गए शातिर चकमा देकर फरार हो गए। सूचना मिलने पर आला अफसरों में हड़कंप मच गया। एसएसपी के अलावा जीआरपी,आरपीएफ अफसर मौके पर पहुंचकर सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
जीआरपी ने राजपुर करैरा, शिवपुरी के बृजेंद्र उर्फ हजरत, खिमरिया, सागर निवासी गयाप्रसाद और रेशम मील, ग्वालियर निवासी शैलेन्द्र के अलावा चार और अपराधियों को ट्रेन में चोरी के इलजाम में जेल भेजा था। मंगलवार सुबह सातों को रेलवे कोर्ट में पेशी के लिए पुलिस वैन से स्टेशन लाया गया था। पेशी के बाद बृजेंद्र, गयाप्रसाद व शैलेंद्र को पुलिस ने वैन में भेज दिया, जबकि बाकी चार आरोपी कोर्ट में थे। इस बीच यह तीनों वैन में तैनात पुलिस वालों को चमका देकर भाग निकले। खबर मिलते ही जीआरपी-आरपीएफ ने रेलवे स्टेशन और रेलवे सर्कुलेटिंग एरिया में इनकी खोज की लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। इसके बाद अधिकारियों को इसकी सूचना दी गयी। एसएसपी राजेश एस मौके पर पहुंचे और जिले की सीमा सील कर सभी थानों को तलाशी अभियान चलाने के आदेश दिए। चार दरोगा, छह प्रधान आरक्षी व दो सिपाही इन बंदियों को पेशी पर लाए थे। एसएसपी ने सभी पर कार्रवाई करने को कहा है।
रेलवे कोर्ट में सात अपराधियों को पेशी पर लाने के लिये पुलिस लाइन से चार दरोगा, छह प्रधान आरक्षी के अलावा दो सिपाही तैनात किए गए थे। बताया गया है कि बृजेन्द्र, गया प्रसाद व शैलेन्द्र की पेशी के बाद सभी पुलिसवैन में सवार कर दिए गए थे। लेकिन अपराधियों की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों की लापरवाही के चलते तीन आरोपित मौका मिलते ही भाग निकले। सभी आराम से पैदल निकले और यात्रियों के बीच में खो गए। इधर जब पुलिस को जानकारी हुई तो वह जीआरपी व आरपीएफ की मदद से खोजबीन में जुटी। लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। रेलवे स्टेशन के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में दो आरोपितों को पैदल पुलिया नंबर नौ रोड की तरफ जाते देखा गया। इसके अलावा ज्यादा जानकारी पुलिस को नहीं मिल सकी। वहीं रेलवे सर्कुलेटिंग एरिया से लेकर प्लेटफार्म पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच पेशी पर आए बदमाशों के भागने के बाद जीआरपी अफसरों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए।