दिल्ली से मेरठ तक बनने वाले देश के पहले रैपिड रेल कॉरिडोर का काम तेजी सेचल रहा है।गुजरात के सांवली से कल नौवीं ट्रेन दुहाई डिपो पहुंची है।जल्द ही इसका ट्रायल 180 की रफ्तार पर किया जाएगा।
दिल्ली से मेरठ तक बनने वाले देश के पहले अर्बन ट्रांजिट सिस्टम का काम तेजी पकड़ रहा है। गुजरात के सांवली से दुहाई डिपो में एक और रैपिड रेल पहुंच गई। डिपो में अब नौ रैपिड रेल हो गई हैं। इनमें से आठ का परीक्षण 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से किया जा रहा है। जल्दी ही नौवीं ट्रेन को भी परीक्षण के लिए ट्रैक पर उतारा जाएगा। इसका भी ट्रायल 180 KmPH पर किया जाएगा।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर 82 किलोमीटर लंबा है। इसका प्राथमिक खंड साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबा है। यह खंड बनकर तैयार है। इस खंड के पांचों स्टेशन का काम अंतिम चरण में हैं। साहिबाबाद स्टेशन बनकर तैयार है। वहीं प्राथमिक खंड पर रैपिड रेल परिचालन की तैयारी तेजी से चल रही है। इसके उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री दफ्तर से समय मांगा गया है। फिलहाल प्राथमिक खंड पर परीक्षण चल रहा है। परीक्षण में किसी प्रकार की खामी सामने नहीं आ सकी।
परिचालन के लिए दुहाई डिपो ट्रेन पहुंच रही हैं। मंगलवार को एक और ट्रेन डिपो पहुंची। इससे पहले आठ ट्रेन थी। सभी का परीक्षण चल रहा है। ट्रेन एक के बाद एक करके 180 प्रति किलोमीटर की फुल गति से चल रहा है।
कॉरिडोर पर 30 रेल चलाई जानी हैं। इनमें 180 कोच होंगे। नौ ट्रेन डिपो में पहुंच गई है। कई और ट्रेन आने वाले कुछ दिनों में आ जाएगी।
कॉरिडोर पर यात्रियों की भीड़ बढ़ने पर रैपिड रेल के छह से नौ कोच हो जाएंगे। हालांकि शुरूआत में प्राथमिक खंड पर छह कोच की ट्रेन ही चलेगी। दिल्ली से मेरठ तक जैसे ही परिचालन होगा तो कोच की संख्या बढ़ाई जा सकती है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया शुरूआत में यात्रियों के लिए छह कोच ही चलेंगे। यात्रियों की भीड़ में इजाफा होते ही छह से नौ कोच किए जाएंगे।