ब्यूरो,
प्रयागराज/इलाहाबाद हाईकोर्ट/- पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह से जुड़े गाजीपुर के चर्चित उसरी चट्टी कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई।
22 साल बाद बाहुबली मुख्तार अंसारी समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज किए जाने के मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने की सुनवाई।
हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के अलावा अर्जी दाखिल करने वाले तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक।
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई होने तक गिरफ्तारी पर लगाई रोक।
अदालत ने इस बारे में यूपी सरकार से जवाब तलब किया है।
यूपी सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का वक्त दिया गया है।
इस मामले में 13 मार्च को होगी अगली सुनवाई।
मुख्तार अंसारी के साथ आरोपी बनाए गए गौस अंसारी व दो अन्य की तरफ से दाखिल की गई है याचिका।
याचिका में 22 साल बाद दर्ज हुई एफआईआर को रद्द किए जाने की मांग की गई है।
जस्टिस केजे ठाकर और जस्टिस अजीत सिंह की डिवीजन बेंच में हुई मामले की सुनवाई।
उसरी चट्टी कांड में मुख्तार अंसारी व अन्य के खिलाफ 22 साल बाद दर्ज हुई है एफआईआर।
बृजेश सिंह खेमे के मनोज कुमार राय के परिवार वालों ने दर्ज कराई है एफआईआर।
इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह के खिलाफ घटना के फौरन बाद मुकदमा दर्ज कराया था।
मुख्तार अंसारी के दो करीबियों की हमले में हुई थी मौत।
एफआईआर दर्ज कराने वाले का कहना था कि मुख्तार अंसारी के डर की वजह से उसने केस दर्ज नहीं कराया था।
कोर्ट ने पूछा कि आखिरकार डर कैसे खत्म हुआ।
इस याचिका से बाहुबली मुख्तार अंसारी ने खुद को अलग रखा है।