यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद यूपी के जिन शहरों से उत्तराखंड से मिलने वाली सीमा लगती है वहां स्थानीय प्रशासन की बड़े पैमाने पर सख्ती देखी गई। पुलिस अधिकारी वाहनों को रोक-रोककर उन्हें चेक कर रहे थे और बिना पास वाले वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रही। वहीं, बॉर्डर पर पुलिस के बनाए गए आश्रय स्थल में वापस जाने वाले प्रवासी मजदूरों को विश्राम के लिए ठहराया गया और उन्हें भोजन आदि का वितरण कर पास दिखाए जाने पर ही आगे जाने दिया गया।
इस पर एसडीएम डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि तहसील क्षेत्र में बिना पास वाले किसी भी वाहन को आने या जाने नही दिया जा रहा है। उत्तराखंड बॉर्डर से आने या जाने वाले वाहनों द्वारा पास दिखाए जाने पर ही उन्हें भेजा जा रहा। बॉर्डर पर टेंट लगाकर वाहनों व अन्य लोगों को निगरानी की जा रही है। कहा कि अगर कोई भी इक्का दुक्का व्यक्ति पैदल जाता दिखाई पड़ता है तो उससे पूछताछ की जाती है तथा स्थानीय प्रशासन उसकी पूरी सहायता भी करता है।
नगर में तीन क्वॉरंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें जिला प्रशासन की ओर से आने वाले मजदूरों को भी रखा जा रहा है। पिछले सप्ताह भी हिमाचल आदि जगहों से आने वाले तहसील के मजदूरों को इन्ही सेंटरों में ठहराया गया था। बताया कि चार से पांच दिन पूर्व कुछ मजदूर पैदल व अपने निजी वाहनों से यात्रा कर तहसील आए थे। जिनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था और उन्हें आश्रय स्थल में क्वॉरंटाइन किया गया था। फिलहाल उनकी तहसील की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनका स्थानीय प्रशासन द्वारा पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
सीमा पर रहने, खाने सहित अन्य जरूरती सामान को मुहैया करवाया जा रहा है। वहीं, उन्होंने बताया कि नगर क्वॉरंटाइन सेंटरों का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। उन्हें रोज सेनिटाइज कराया जा रहा है और सफाई व्यवस्था से लेकर बुनियादी सुविधाएं दुरुस्त की गई हैं। कहा कि कोई भी प्रवासी मजदूर जंगलों के रास्ते से आने या जाने की कोशिश नही कर सकता, क्योंकि वहां भी पुलिस कर्मी तैनात हैं और पूरी तरह निगरानी रख रहे हैं।