ब्यूरो,
श्री लाल बहादुर शास्त्री
०२ अक्तूबर/जयन्ती
श्री लाल बहादुर शास्त्री छोटे से परिवार में माँ के अलावा उसका इकलौता पुत्र था. जिसे वह प्यार से नन्हें कहती थी. एक बार नन्हें की माँ बीमार पड़ गई. नन्हें सब प्रकार से माँ की सेवा में जुट गया।
एक रात माँ ने पुकारा, ‘ बेटा ! मुझे प्यास लगी है.’ नन्हें तुरन्त पानी का गिलास ले कर पहुँचा, लेकिन तब तक माँ की आँख लग चुकी थी।
बालक नन्हें ने माँ को जगाना ठीक नहीं समझा. और वह पानी का गिलास लिए चुपचाप माँ के जागने की प्रतीक्षा करने लगा. बीमार माँ को अच्छी नींद आई और वह रात भर नहीं जागी।
प्रातः काल जब माँ जागी, तो उस ने देखा कि उसका पुत्र पानी का गिलास लिए सिरहाने चुपचाप खड़ा है. माँ की आँखों में प्रेम के आँसू भर आये. माँ ने कहा, बेटा! तू रात-भर मेरे लिए क्यों खड़ा रहा ?
नन्हें ने कहा, माँ ! तुम मेरे लिए सैंकड़ों बार रात-रात भर जागी हो, फिर मैं यदि तुम्हारे लिए एक रात जाग गया तो क्या हुआ ?
ऐसा मातृ-भक्त था बालक नन्हें. यही नन्हें बड़ा हो कर लाल बहादुर शास्त्री के नाम से भारत का लोकप्रिय प्रधानमंत्री बना।
शास्त्री जी ने, अपनी माँ को ये कभी नहीं बताया था कि वे रेल मन्त्री हैं. उन्होंने माँ से कहा था कि मैं रेलवे में नौकरी करता हूँ।
एक बार शास्त्री जी किसी कार्य-क्रम में रेलवे भवन में आए तब उनकी माँ भी वहाँ पहुँच गयी कि मेरा बेटा भी यहाँ आया है, वह भी रेलवे में नौकरी करता है।
लोगों ने पूछा क्या नाम है तेरे बेटे का. जब उन्होंने अपने बेटे का नाम बताया तो सब आश्चर्य चकित रह गए. सुरक्षा अधिकारी बोले कि आप झूठ बोल रही हैं. पर वह बोली नहीं मेरा बेटा आया है।
सुरक्षा अधिकारियों ने लाल बहादुर शास्त्री जी के सामने ले जाकर पूछा, क्या वही आपके बेटे हैं? तब माँ बोली – हाँ, वही मेरा बेटा है।
तब उन्होंने मन्त्री जी से माँ को दिखाकर बोले- क्या वह आप की माता जी हैं. तब शास्त्री जी ने अपनी माँ को बुलाकर अपने पास बिठाया और कुछ देर पश्चात् उन्हें घर भेज दिया।
तब पत्रकारों ने पूछा- आपने अपनी माँ के सामने भाषण क्यों नहीं दिया? तब शास्त्री जी ने कहा – मेरी माँ को नहीं पता कि मैं मन्त्री हूँ. यदि उन्हें पता चल जाये तो वह लोगों की सिफारिश करने लगेगी और मैं मना भी नहीं कर पाऊँगा, फिर उन्हें अहंकार भी हो जायेगा. शास्त्री जी का ऐसा उत्तर सुन कर सब के सब स्तब्ध रह गये।
ऐसे नि:स्वार्थी, सच्चे, कर्मठ,
ईमानदार, देश-भक्त स्वर्गीय
श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनके
जन्म-दिवस ०२ अक्तूबर पर उन्हें
कोटि-कोटि नमन्।
पनपा