मदरसे में पढ़ने का दबाव, छेड़खानी, शोहदों से परेशान तीन बहनों ने छोड़ी पढ़ाई

ब्यूरो,

सीओ पुरवा ने बताया कि पीड़िता की मां की तरफ से प्रार्थना पत्र दिया गया है, जिसके आधार पर थाना मौरावा में मुकदमा पंजीकृत करवाकर अभियुक्तों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है.

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में लड़कियों से छेड़छाड़ के मामले थम नहीं रहे हैं. यहां एक युवती ने छेड़छाड़ से तंग आकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर शिकायत की. युवती मनचलों से इतना तंग आ गई थी कि उसने अपनी दो बहनों के साथ स्कूल जाना ही बंद कर दिया. छात्रा ने यह भी आरोप लगाया है कि उनके उपर मदरसा में पढ़ने का दबाव भी बनाया जा रहा है. वहीं परिजनों ने दहशत में आकर तीनों बेटियों की पढ़ाई बंद करा दी है. साथ ही मुस्लिम युवकों की दहशत से परिवार घर छोड़ने की भी बात कह रहा है.

इस मामले में 17 सितंबर को पुरवा तहसील समाधान दिवस में भी उन्नाव जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से शिकायत की गई है. फिलहाल इस परिवार की तीनों बेटियों ने स्कुल जाना बंद कर दिया है.

न्याय के लिए दर-दर भटक रहा परिवार

उन्नाव के मौरावां थाना क्षेत्र के मवई गांव निवासी एक बेटी अपनी दो बहनों के साथ स्कूल पढ़ने जाती थी. आरोप है कि इस दौरान विशेष समुदाय के युवक गंदी-गंदी फब्तियां कसते हैं औऱ घर से उठा ले जाने की धमकी देते हैं. वहीं कक्षा 11 की छात्रा अब अपने पिता के साथ युवकों के खिलाफ करवाई के लिए डीएम और एसपी की चौखट पर भटक रही है. वहीं युवक लगातार छात्रा को धमका रहे हैं.

मौरावां पुलिस से शिकायत के बाद कार्रवाई न होने पर मंगलवार को छात्रा पिता के साथ डीएम और एसपी से मिलने पहुंची. छात्रा ने अधिकारियों पर उनसे न मिलने देने का आरोप लगाया है. वहीं सीओ पुरवा ने बताया कि पीड़िता की मां की तरफ से प्रार्थना पत्र दिया गया है, जिसके आधार पर थाना मौरावा में मुकदमा पंजीकृत करवाकर अभियुक्तों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है.

वहीं हिन्दू जागरण मंच के प्रांतीय मंत्री विमल द्ववेदी ने मामले में कहा कि हिन्दू समाज बेटियों के साथ लगातार छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आ रही हैं. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ छेड़छाड़ जैसी गंभीर धाराओं को हटाते हुए मात्र 151 में कार्रवाई कर दी. वहीं आरोपी जमानत लेकर घर लौटे और फिर छात्रा के परिवार को परेशान कर रहे हैं और बेटियों से छेड़छाड़ करते हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसे लोगों को बचा रहे हैं, उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

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