कोरोना वायरस कैसे फैला और कैसे इसका संक्रमण जानवर से इंसानों तक पहुंचा, इसकी जांच की मांग का भारत ने भी समर्थन किया है। साथ ही महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से उठाए गए कदमों की निष्पक्ष समीक्षा के लिए भी सहमति दी है। कल से शुरू होने जा रही WHO की वार्षिक बैठक के लिए प्रस्तावित ड्राफ्ट में यह बात कही गई है।
कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत के बाद से पहली बार भारत ने आधिकारिक रूप से स्टैंड लिया है और यूरोपीय यूनियन व ऑस्ट्रेलिया की ओर से जांच की मांग पर हस्ताक्षर किया है। कोरोना वायरस की शुरुआत पिछले साल चीन के मध्य में वुहान शहर से हुई थी। इस वायरस की चेपट में आकर 3 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, मार्च में हुए जी20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने भारत के पक्ष को लेकर संकेत दे दिया था। उन्होंने WHO में रिफॉर्म और पार्दर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया था।
चीन पर संक्रमण के शुरुआती दिनों में जानकारी छिपाने का आरोप लग रहा है। उसने इसका खंडन करते हुए यहां तक कहा कि घातक सार्स-CoV-2 जो उसके क्षेत्र में पाया गया वहां कई और से आया। चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कोरोना वायरस प्रसार के लिए अमेरिकी सेना पर भी आरोप लगाया था। WHO और इसके डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस पर चीन का पक्ष लेने का आरोप लग रहा है। इथोपिया के पूर्व मंत्री 2017 में चीन के समर्थन से ही WHO के प्रमुख बने थे। WHO हेडक्वॉर्टर में मौजूद अधिकारियों ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि प्रस्तावित मसौदे को बांग्लादेश, कनाडा, रूस, इंडोनेशिया, साउथ अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, जापान सहित 62 देशों ने समर्थन दिया है। यह उस वायरस के फैलाव को लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने का प्रयास है, जिसने दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा संकट पैदा किया है।
ड्राफ्ट में चीन या वुहान शहर का जिक्र नहीं किया गया है। WHO डायरेक्टर जनरल से कहा गया है कि वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ के साथ मिलकर वायरस का स्रोत और मानव तक इस संक्रमण के पहुंचने का पता लगाया जाए। सात पन्ने के ड्राफ्ट मसौदे को हिन्दुस्तान टाइम्स ने देखा है। इसमें WHO प्रमुख से कहा गया है कि कोविड-19 से मिले सीख और अनुभव की निष्पक्ष, स्वतंत्र और विस्तृत समीक्षा की जाए। कोविड-19 महामारी को लेकर WHO की ओर से उठाए गए कदमों, उपायों और उनके प्रभाव की समीक्षा की मांग की गई है। मसौदे में देशों से मांग की गई है कि कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य जानकारियां WHO को समय से और सटीकता के साथ दी जाए। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वर्चुअल मीटिंग में इस मसौदे पर किस तरह चर्चा की जाएगी।