महिला श्रमिक का सड़क पर प्रसव, पर नहीं बच सका शिशु, पैदल लौट रही थी गांव

धनबाद से जमुई के लक्ष्मीपुर पैदल जा रही महिला मजदूर कविता देवी ने बेंगाबाद टोल प्लाजा के पास शुक्रवार दोपहर एक शिशु को जन्म दिया। दुर्भाग्य यह रहा कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही नवजात ने दम तोड़ दिया। इसी बीच गिरिडीह से बेंगाबाद आ रहे एंबुलेंस चालक की उस पर नजर पड़ गई। चालक ने उसे बेंगाबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।

सूचना मिलने पर प्रमुख रामप्रसाद यादव व बीडीओ कुमार अभिषेक सिंह पहुंचे। सड़क पर बच्चे को जन्म देने वाली कविता देवी दीपक मांझी की पत्नी है। यह उसकी दूसरी संतान थी। प्रसूता की सहयोगी सीता देवी ने बताया कि उनलोगों का 41 लोगों का जत्था है। वे गुरुवार को पैदल निकले थे। इसमें दो गर्भवती महिला हैं। एक कविता देवी और दूसरी करमी देवी। करमी देवी पांच माह की गर्भवती है। जत्था में 19 छोटे-छोटे बच्चे भी  हैं। गुरुवार सुबह टुंडी चेक पोस्ट पर पुलिस ने इन लोगों को एक ट्रक से गिरिडीह भेज दिया। फिर गिरिडीह से ये सभी पैदल बेंगाबाद जा रहे थे। सिहोडीह चेकपोस्ट से पुलिस ने तीन-चार ऑटो से मजदूरों को बेंगाबाद भिजवा दिया। ऑटो में बैठी कविता देवी प्रसव वेदना से तड़पने लगी तो ऑटो चालक ने उसे बेंगाबाद अस्पताल पहुंचाने की बजाय बेंगाबाद के नावासारी टोल के पास उतार दिया। महिला चलने में असमर्थ थी। कुछ ही देर बाद महिला ने सड़क के किनारे शिशु को जन्म दे दिया। एक एम्बुलेंस से महिला और बेहोशी की हालत में नवजात को अस्पताल पहुंचाया गया। वहां पहुंचने पर डॉक्टर ने शिशु को मृत घोषित कर दिया। बेंगाबाद के सर्कस मैदान में ठहरे मजदूरों के जलपान व भोजन की व्यवस्था बीडीओ व जन प्रतिनिधियों ने की। एसडीएम प्रेरणा दीक्षित भी सर्कस मैदान पहुंचीं। प्रसूता और दूसरी गर्भवती सहित कुछ बच्चों को बेंगाबाद की सरकारी एंबुलेंस से जमुई तक भेजा गया। शेष मजदूरों को ट्रक से जमुई बॉर्डर तक भेजा गया है।   

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