राज्य सरकार ने प्रवासी झारखंडियों को विमान से लाने की कवायद तेज कर दी है। सबसे पहले अंडमान एवं निकोबार में फंसे 319 प्रवासियों को दो विमानों से वापस लाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को 12 मई को ही पत्र लिखकर अनुमति मांगी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि नीयत और निष्ठा से फंसे श्रमिकों की जल्द सम्मानपूर्वक वापसी कराई जा सकती है। यह समय श्रमिकों की कुशल वापसी में योगदान का है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि चार दिन से केंद्र सरकार से एनओसी मिलने का इंतजार है। उन्होंने कहा कि उड़ानों का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। सीएम ने अनुमति के लिए लिखे पत्र को सोशल मीडिया पर अपलोड किया है। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार के समर्थकों में बयानबाजी शुरू हो गई है। राज्य सरकार के पत्र में कहा गया है कि मजदूरों को लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में सरकार अंडमान से प्रवासियों को विमान से लाना चाहती है। इसके लिए रांची विशेष विमान के उड़ान की अनुमति दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को लाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए सभी जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कहा कि प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए हवाई जहाज का भी इस्तेमाल किया जाएगा । इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है ’ सोरेन ने कहा कि विशेष ट्रेनों और बसों से प्रवासी श्रमिको, विद्यार्थियों और अन्य लोगों को वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है और यह प्रक्रिया तबतक चलेगी जब तक सभी प्रवासी श्रमिक सुरक्षित घर नहीं आ जाते हैं।