देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की वृद्धि दर अभी 3.8 फीसदी है, जो अब तक की सबसे कम है। इसलिए मामलों के दोगुने होने की दर अभी 18 दिन है। इससे पहले औसतन पांच दिनों में वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत और दोगुने होने की दर 17 दिन थी। यह दावा ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन की सीनियर फेलो और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की पूर्व सदस्य शमिका रावी ने किया है।
उन्होंने बताया कि अभी यह महत्वपूर्ण नहीं है कि संक्रमण के कुल मामले कितने हैं। बल्कि यह जानना जरूरी है कि अभी सक्रिय मामले कितने हैं और ये किस गति से बढ़ रहे हैं। रावी के मुताबिक, औसतन पांच दिनों में सामने आए सक्रिय मामलों का आंकलन कर वह वृद्धि दर और मामलों के दोगुने होने की दर का पता लगाती हैं। उनके मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति कई दूसरे लोगों को संक्रमित करता है इसलिए वृद्धि दर घातीय (एक्सपोनेंशियल) होती है। शुरुआत में जब केरल में 100 मामले सामने आए थे, उस दौरान वहां की पुलिस ने उन 20 हजार लोगों को ढूंढ़ निकाला था जो इन लोगों के सपर्क में आए थे। ऐसे ही मुंबई में पहले 100 मामलों का पता चलने पर पुलिस इनके संपर्क में आए सिर्फ मात्र सात हजार लोगों को ही तलाश पाई। इससे यह पता चलता है कि केरल के मुकाबले मुंबई में प्रयासों में कहीं न कहीं कोई कमी जरूर रह गई। मुंबई का प्रशासन मामलों को फैलने से रोकने के लिए समय रहते कोई विशेष रणनीति नहीं बना सका।