मुफ्त अनाज पहुंचाने के लिए प्रक्रिया जल्द – रामविलास पासवान, केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री

कोरोना महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन के बीच मजदूरों को दो माह तक मुफ्त खाद्यान्न देने के ऐलान के साथ सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। खाद्य मंत्रालय ने मजदूरों तक तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए सभी राज्यों को दस फीसदी अतिरिक्त खाद्यान्न भी आवंटित कर दिया है। इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर डाली है। इस पर सरकार कुछ दिशानिर्देश जारी कर सकती है। उपभोक्ता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्यों को मजदूरों की पहचान और उन तक लाभ पहुंचाने के लिए प्रक्रिया बनाने की जरूरत है। इसके साथ राज्यों को इस बात *का भी ख्याल रखना होगा कि एक व्यक्ति दो योजना के तहत मुफ्त राशन न ले पाए।

मसलन, कोई परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मुफ्त राशन ले रहा है और उसे मजदूरों की मुफ्त राशन योजना का लाभ नहीं मिल जाए। इसके लिए राज्य सरकार मजदूरों का रजिस्ट्रेशन का रास्ता अपना सकती हैं। वे रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड नंबर का उपयोग कर सकती हैं। 

आधार नंबर के इस्तेमाल से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लाभार्थी इस योजना का *लाभ नहीं ले पाएंगे। उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत राज्यों को आवंटित खाद्यान्न में दस फीसदी की वृद्धि कर दी गई है।

मजदूरों को दो माह तक मुफ्त पांच किलो चावल या गेहूं प्रति व्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार मुहैया कराने के लिए खाद्यान्न आवंटित कर दिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार को पहले लाभार्थियों के नाम भेजने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार मजदूरों को खाद्यान्न आवंटित करने के साथ लाभार्थियों के नाम भेज सकती हैं। 

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