ब्यूरो,
सुप्रीम कोर्ट से अडानी को अच्छी खबर मिली है। देश की शीर्ष अदालत ने अरबपति गौतम अडानी की बिजली इकाई के पक्ष में एक फैसला सुनाया है। फैसले में कहा गया कि राजस्थान में राज्य द्वारा संचालित वितरण कंपनियों को अडानी पावर लिमिटेड को 30.48 बिलियन रुपए या 405 मिलियन डॉलर चुकाने होंगे। इसके अलावा उच्च ईंधन लागत की भरपाई के लिए अतिरिक्त ब्याज का भी भुगतान करना होगा।
अडानी राजस्थान और हरियाणा सहित राज्यों के खिलाफ कई अदालती लड़ाई लड़ रहा है। अडानी को अपने संयंत्रों में उपयोग के लिए महंगे आयातित कोयले का सहारा लेना पद रहा है और इसकी लागत सौंपने को ज्यादा पड़ रही है। कंपनी इसके लिए कम्पेन्सेटरी टैरिफ की मांग कर रही है। शुक्रवार को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया की चार बिजली खुदरा विक्रेताओं को अडानी पावर को चार सप्ताह के भीतर पैसे का भुगतान करना होगा, ताकि 2013 से बकाया भुगतान को समाप्त किया जा सके।
राज्य द्वारा संचालित बिजली खुदरा विक्रेता, जो बिजली की चोरी और पुराने केबल नेटवर्क के माध्यम से लीकेज के कारण आपूर्ति की जाने वाली बिजली के लगभग पांचवें हिस्से पर पैसा खो देते हैं, उनके ऊपर बिजली बनाने वाली कंपनियों का अरबों डॉलर का भुगतान बकाया है। इस हालिया निर्णय से अदानी पावर को ऋण चुकाने या परियोजनाओं के लिए पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।
इस फैसले के बाद मुंबई में अदानी पावर के शेयरों में 15% की बढ़ोतरी हुई, जो एक हफ्ते से भी ज्यादा समय में सबसे ज्यादा बढ़त है। बेंचमार्क एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स स्थानीय समयानुसार सुबह 11:50 बजे 2.8% अधिक कारोबार कर रहा था। दोपहर तीन बजे अडानी पावर के शेयर 10% ऊपर करीब 122 रुपए पर कारोबार कर रहे थे। इससे निवेशकों को भविष्य में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना है।