ब्यूरो,
थोक और खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े आज यानी 14 फरवरी को आने हैं। इससे पहले शेयर बाजार आज यानी सोमवार को भारी गिरावट के साथ खुला। बीएसई का 30 स्टॉक्स पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1432 अंकों की गिरावट के साथ 567207 के स्तर पर खुला। वहीं, प्रीओपनिंग में निफ्टी 298 अंक लुढ़क कर 17076 पर था।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स सुबह 9 बजकर 22 मिनट पर 1323 अंकों का गोता लगाकर 56829 के स्तर पर था तो वहीं निफ्टी 376.15 अंक टूटकर 16,998.60 के स्तर पर। निफ्टी 50 में ओएनजीसी और टीसीएस को छोड़ सभी स्टॉक्स लाल निशान पर थे। सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो पीएसयू बैंक, निफ्टी मेटल, निफ्टी फार्मा, रियल्टी, मेटल, हेल्थ केयर, ऑयल एंड गैस इंडेक्स, निफ्टी बैंक, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, निफ्टी ऑटो, प्राइवेट बैंक , आईटी इंडेक्स समेत सभी इंडेक्स लाल निशान पर थे।
शुक्रवार को अमेरिकी बाजार भारी गिरावट पर बंद हुए। डाऊजोंस में 503, एसएंडपी 500 में 1.9% की गिरावट रही, जबकि नैस्डैक भी 294 अंक फिसलकर 14000 के नीचे बंद हुआ। यूक्रेन पर रूस हमला करने की आशंका से बाजार टूटे हैं। यूक्रेन पर तनाव बढ़ने से ब्रेंट 96 डॉलर के करीब पहुंचा है। सितंबर 2014 के बाद की ऊंचाई पर कच्चा तेल पहुंचा है।
विश्लेषकों के मुतबाबिक अभी बाजार में कारोबार एक दायरे में रहेगा। इसके साथ ही निवेशकों की निगाह वैश्विक रुख, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर भी रहेगी। रुपये का उतार-चढ़ाव, विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुझान और ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी बाजार को दिशा देंगे।
दुनियाभर के बाजार अमेरिका में ब्याज दरों में भारी बढ़ोतरी की संभावना के बीच समायोजन का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव की वजह से चिंता बनी हुई है। निवेशकों की निगाह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर विधानसभा चुनावों से जुड़े घटनाक्रमों पर भी रहेगी। भारतीय बाजारों के लिए एफआईआई का रुख भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि अभी वे जमकर निकासी कर रहे हैं।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों का सेंसेक्स 491.90 अंक या 0.83 प्रतिशत के नुकसान में रहा। इस सप्ताह के दौरान अडानी एंटरप्राइजेज, कोल इंडिया, आयशर मोटर्स, अंबुजा सीमेंट्स, नेस्ले इंडिया, स्पाइसजेट और जेट एयरवेज के तिमाही नतीजे आने हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, प्रमुख घटनाक्रम पीछे छूटने के बाद अब निवेशकों की निगाह वैश्विक बाजारों और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगी। वृहद मोर्चे पर बाजार सोमवार को औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देगा।