पवार ने की मोदी की तारीफ, कहा- मैंने यूपीए सरकार में उनके खिलाफ बदले की राजनीति का विरोध किया था

ब्यूरो,

एनसीपी चीफ शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी के काम करने के तरीके की तारीफ करते हुए कहा कि उनका स्वभाव ऐसा है कि  जब वह किसी काम को हाथ में लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित करते हैं कि काम अपने मुकाम तक पहुंच जाए। इसके साथ ही उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि वर्ष 2004 से 2014 के दौरान यूपीए के शासनकाल में नरेंद्र मोदी के खिलाफ बदले की राजनीतिक करने की कोशिश हुई थी। उन्होंने कहा कि मैंने उनके खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति का मेशा विरोध किया, लेकिन यूपीए गठबंधन के कुछ लोगों ने गुजरात सरकार के कुछ लोगों के खिलाफ अतिवादी कदम उठाए।

पुणे में बुधवार को एक कार्यक्रम में पवार ने कहा कि  मेरे साथ तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह उस समय गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी के खिलाफ किसी भी तरह के बदले की कार्रवाई का विरोध किया था। पवार ने यह भी कहा कि यूपीए सरकार में उनके अलावा ऐसा कोई नहीं था, जो उस समय मोदी से बात कर सकता था क्योंकि वह लगातार मनमोहन सरकार पर हमला बोलते रहे थे। 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार में शरद पवार कृषि मंत्री थे। 

मोदी के काम करने के तरीके की तारीफ करते हुए पवार ने यह भी कहा कि वह एक बार कोई काम शुरू करते हैं तो उसे पूरा करते हैं। पवार ने कहा, ‘उनका स्वभाव ऐसा है कि एक बार जब वह किसी भी कार्य को हाथ में ले लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि जब तक वह (कार्य) समाप्त नहीं हो जाता, तब तक वह नहीं रुकेंगे। प्रशासन पर उनकी अच्छी पकड़ है और यही उनका मजबूत पक्ष है।

‘शरद पवार से सवाल किया गया कि ऐसे समय में जब नरेंद्र मोदी सीएम थे और तत्कालीन सरकार के साथ ही केंद्रीय एजेंसियां उनके पीछे थीं, तब  क्या आप और मनमोहन सिंह उनके खिलाफ कार्रवाई न किए जाने के पक्ष में थे, इसके जवाब में पवार ने कहा कि यह आंशिक रूप से सत्य है। शरद पवार ने कहा, ‘जब मोदीजी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और मैं केंद्र में था। पीएम जब सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाते थे, तब बीजेपी शासित राज्यों के सीएम की अगुवाई मोदी करते थे और केंद्र पर हमलावर रहते थे। इसलिए ऐसी स्थिति में मोदी से निपटने के लिए रणनीति बनाई जाती थी। यूपीए सरकार में मेरे अलावा एक भी ऐसा मंत्री नहीं था, जो मोदी से बात कर सके।’

81 वर्षीय पवार ने कहा कि यूपीए की अंदरूनी बैठकों में वह सबको यही समझाते थे कि चाहे उनके और मोदी के बीच या बीजेपी के साथ कितने भी मतभेद हों लेकिन किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री हैं। पवार ने कहा, ‘मैं बैठकों में कहा करता था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं और लोगों ने उन्हें चुना है। अगर वह यहां कुछ मुद्दों के साथ आ रहे हैं, तो यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि मतभेदों को दूर किया जाए और उनके राज्यों के लोगों के हितों पर असर न हो।’

शरद पवार ने यह भी कहा कि वह अकेले ऐसे मंत्री थे जो गुजरात जाकर वहां की समस्याओं को समझते थे। उन्होंने कहा, ‘मैं और मनमोहन सिंह यह राय रखते थे कि मोदी के खिलाफ बदले की राजनीति नहीं होनी चाहिए। हम यह राय रखते थे कि हमें स्थापित कार्यशैली से बाहर जाकर कुछ नहीं करना चाहिए और हमने ऐसा कभी किया भी नहीं।’

हालांकि, एनसीपी नेता ने यह भी कहा कि यूपीए गठबंधन के कुछ सदस्य ऐसे थे, जो गुजरात सरकार के कुछ लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाए। 

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