ब्यूरो,
उतर प्रदेश चुनाव में ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ के नारे के साथ महिलाओं को चालीस फीसदी टिकट देने का ऐलान कर कांग्रेस ने दूसरी पार्टियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पार्टी की घोषणा को राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। पार्टी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि क्या कांग्रेस 40 फीसदी महिला जिताऊ उम्मीदवार तलाश पाएगी?
उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 सीटें हैं। 40 फीसदी महिला उम्मीदवार का वादा पूरा करने के लिए कांग्रेस को करीब 160 टिकट महिलाओं को देने होंगे। पार्टी के पास सिर्फ सात विधायक हैं, ऐसे में पार्टी के पास खाली सीट की कमी नहीं है। पर डेढ सौ से अधिक जिताऊ महिला तलाशना पार्टी के एक लिए एक चुनौती है। क्योंकि, महिला होने के साथ उम्मीदवार की जीत की भी संभावना होनी चाहिए।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर राजेंद्र शर्मा कहते हैं कि कांग्रेस के लिए इतनी बड़ी तादाद में महिला उम्मीदवार तलाशना बेहद मुश्किल है। क्योंकि, उम्मीदवार के जरिए पार्टी क्षेत्र में जातीय समीकरणों को साधने के साथ उसकी जीत की संभावनाएं भी देखती है। इस वक्त कांग्रेस के पास जीतने वाली महिलाएं तो दूर पुरुष उम्मीदवार भी नहीं हैं। ऐसे में उसकी मुश्किल बढ़ सकती है।
इस सब के बावजूद कांग्रेस को वादा पूरा करने का भरोसा है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि टिकट के लिए अब तक पांच हजार से ज्यादा आवेदन मिले हैं। इनमें लगभग 2700 आवेदन महिलाओं की तरफ से मिले हैं। टिकट मांगने वाली इन दावेदारों में कई महिलाओं का राजनीति से सभी कोई संबंध नहीं रहा है। वहीं, बड़ी संख्या में नेताओं ने अपनी पत्नी और बेटी की तरफ से भी टिकट के लिए आवेदन कराए हैं।
कांग्रेस ने महिला उम्मीदवारों का दांव बहुत सोच समझकर चला है। उत्तर प्रदेश में महिलाएं निर्णायक भूमिका में हैं। प्रदेश के करीब 14.40 करोड़ मतदाताओं में पुरुष 7.79 करोड़ और 6.61 करोड़ महिला मतदाता है। वर्ष 2017 में प्रदेश में सबसे ज्यादा महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची है। चुनाव आयोग के रिर्काड के मुताबिक, आजादी के बाद पहली विधानसभा में 20 महिलाएं चुनी गई थीं।
उत्तर प्रदेश में महिला मतदाताओं का प्रतिशत करीब 45 फीसदी है। पर चुनाव के वक्त वोट करने में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 57 फीसदी था। जबकि महिलाओं का मतदान प्रतिशत 57.7 फीसदी था। यही वजह है कि पार्टी महिलाओं को केंद्र में रखकर अपनी पूरी विधानसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रुप दे रही है।