ब्यूरो,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करेंगे। इधर, समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला है। सोमवार को पार्टी के ट्विटर ट्विटर हैंडल पर फोटो शेयर करते हुए दावा किया गया कि एक्सप्रेस वे का शिलान्यास 2016 में हुआ था। समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर दावा किया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सपा की देन है। भाजपा सरकार सिर्फ सपा के कामों का उद्घाटन और शिलान्यास कर रही है। उन्होंने पांच साल पहले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान उतारे जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि अब 5 साल बाद योगी सरकार उसी की नकल कर रही है। प्रधानमंत्री 16 नवम्बर को सुल्तानपुर में कूडेभार स्थित एयरस्ट्रिप पर दोपहर 2:30 बजे इस एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री के सामने भारतीय वायु सेना के आधुनिक लड़ाकू विमान एयरस्ट्रिप पर उतरेंगे और यहीं से उड़ान भरेंगे। आपात स्थितियों में इस एयर स्ट्रिप का उपयोग ये विमान कभी भी कर सकेंगे। योगी सरकार ने इसकी खासी तैयारी की है। उधर, यूपी की सियासत में एक्सप्रेस-वे पर विमानों का उतरना भी मुद्दा बनता रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अक्सर अपने समय में बने आगरा एक्सप्रेस वे पर विमान उतरने का हवाला देते हुए इसकी विश्व स्तरीय गुणवत्ता का दावा कर हैं। उधर, सरकार का दावा है पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की रफ्तार प्रदेश के विकास का बनेगी आधार बनने जा रही है। परियोजना की कुल लागत 22,494.66 है। जबकि सिविल निर्माण की अनुबंधित लागत 11,216.10 करोड़ बताई गई है।
निर्माण के लिए सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को आठ पैकेजों में बांटा है। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने मीडिया को बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर बनी हवाई पट्टी पर किसी भी तरह का विमान उतारा जा सकता है। कहा जा रहा है कि इन हवाई पट्टियों से भारतीय लड़ाकू विमान पाकिस्तान और चीन पर तुरंत एक्शन ले सकते हैं। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना इससे पहले आगरा एक्सप्रेस-वे पर मिराज 2000, जैगुआर, सुखोई 30 और सुपर हरक्यूलस जैसे जहाज सफलतापूर्वक उतार चुकी है। कहा जा रहा है कि इन हवाई पट्टियों से भारतीय लड़ाकू विमान पाकिस्तान और चीन पर तुरंत एक्शन ले सकते हैं।
341 किमी के एक्सप्रेसवे पर सुरक्षित यात्रा के लिए कई पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। हादसे का सबब बनने वाले पशुओं को रोकने के लिए दोनों तरह फेंसिंग की गई है। इसके अलावा इन आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए कई टीमें एक्सप्रेस पर तैनात की गई हैं। दुर्घटना की स्थिति में हर पैकेज में लाइफ सपोर्ट सिस्टम युक्त दो-दो एंबुलेंस तैनात की गई हैं। सैनिक कल्याण बोर्ड ने यहां सुरक्षा कर्मी तैनात किए हैं। 20 पेट्रोलिंग वाहन तैनात किए गए हैं। क्रैश बैरियर भी लगाए गए हैं।
लखनऊ से गाजीपुर तक का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 16 नवंबर से जनता के लिए खुल जाएगा। इसके जरिए 301 किमी का सफर करीब 3.50 घंटे में पूरा हो जाएगा। सरकार को इस एक्सप्रेसवे के जरिए टोल के रूप में 202 करोड़ रुपये सालाना मिलेंगे। अभी तो कुछ दिन यह सफर मुफ्त रहेगा। टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया गया है। यह कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और दोनों छोर पर बने टोल प्लाजा से आने-जाने पर टोल टैक्स लगेगा। माना जा रहा है कि इसकी दरें लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे की दरों के आसपास ही रहेंगी। इस नवनिर्मित एक्सप्रेसवे पर फिलहाल रोजाना 15 से 20 हजार वाहन गुजरेंगे। यह तादाद धीमे-धीमे और बढ़ेगी। यूपीडा की कोशिश है कि पूर्वी यूपी व बिहार से आने वाले लोग दिल्ली नोएडा जाने के लिए इस एक्सप्रेसवे के अलावा लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे व यमुना एक्सप्रेसवे का भी इस्तेमाल करें। इससे इस एक्सप्रेस वे का अधिकतम उपयोग हो सकेगा। इसके साथ ही टोल के जरिए यूपीडा की आमदनी भी बढ़ेगी। लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे की तरह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। लोकार्पण के साथ नवनिर्मित एक्सप्रेसवे आम जनता के लिए खुल जाएगा।