देश में मामले 75 हजार के पार, 20 में से 6 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा

देश में कोविड-19 के संक्रमण के कुल मामले बुधवार को 75 हजार को पार गए क्योंकि कई बड़े शहरी क्षेत्रों में इस खतरनाक वायरस का संक्रमण और फैलने की जानकारी सामने आई। वहीं सरकार ने व्यवसायों को इस संकट से लड़ने में मदद के लिए आसान ऋण, नकदी का प्रवाह बढ़ाने और अन्य प्रोत्साहनों के रूप में लगभग छह लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज के पहले चरण के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार करीब छह लाख करोड रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की। इस प्रोत्साहन पैकेज से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिलगी। यह प्रोत्साहन पैकेज कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के 50वें दिन और 17 मई को लॉकडाउन का तीसरा चरण समाप्त होने के मात्र चार दिन पहले आया है। लॉकडाउन के आगे के कदम के बारे में निर्णय अगले कुछ दिनों में सामने आने की उम्मीद है। हालांकि मोदी ने कहा है कि चौथा चरण तीसरे से अलग होगा जिसमें कुछ छूट पहले ही दी जा चुकी हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार द्वारा कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए बुधवार को घोषित आर्थिक पैकेज से भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और यहां स्थानीय व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष पैकेज के पहले चरण को सामने रखते हुए कहा कि भारतीय एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपए तक के ठेकों के लिए कोई वैश्विक निविदा जारी नहीं की जाएगी। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों समेत छोटे कारोबारियों को तीन लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी वाला कर्ज उपलब्ध कराने और गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा आवास वित्त कंपनियों को 30 हजार करोड़ रुपये की नकदी सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है। इसके अलावा वेतन को छोड़ अन्य सभी भुगतानों पर कर टीडीएस, टीसीएस की दर में 25 प्रतिशत की कटौती, कंपनियों को कर्मचारी भविष्य निधि में सांविधिक योगदान को वेतन के 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने, नकदी संकट से जूझ रही बिजली वितरण कंपनियों को 90,000 करोड़ रुपए की मदद तथा निर्माण कंपनियों को सरकारी परियोजनाएं पूरी करने के लिये अतिरिक्त छह महीने का समय भी दिया गया है।

गरीबों के लिए कुछ भी नहीं -पूर्व वित्त मंत्री
हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज का जो ब्यौरा पेश किया है उसमें गरीबों, प्रवासी मजदूरों और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह देश के कमजोर वर्ग के 13 करोड़ लोगों के खातों में पैसे डाले। चिदंबरम ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, पिछली रात प्रधानमंत्री ने पैकेज की घोषणा की थी, हालांकि कुछ ब्यौरा नहीं दिया था। वित्त मंत्री से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने जो घोषणा की, उसमें गरीबों और प्रवासी कामगारों के लिए कुछ भी नहीं है। पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि आज सबसे ज्यादा परेशान गरीब और प्रवासी श्रमिक हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें असहाय छोड़ दिया। 

सभी कैंटीन में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पाद:-
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नए ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को आगे ले जाते हुए अलग से घोषणा की कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) जैसे सीआरपीएफ और बीएसएफ की सभी कैंटीन में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री होगी। ये कैंटीन 10 लाख कर्मियों के परिवार के करीब 50 लाख पारिवारिक सदस्यों की जरूरतों को पूरा करती हैं। अमित शाह ने कई ट्वीट में कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर बनने और स्थानीय उत्पादों का चयन करने की अपील के बाद लिया गया है।

कई बड़े ऐलान की संभावना
ऐसी उम्मीदें हैं कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही कई और कदमों की घोषणा की जा सकती है, हालांकि सीतारमण ने कहा कि आत्म निर्भरता के अभियान का यह अर्थ नहीं है कि भारत अपनी नजर केवल भीतर ही रखेगा और पूरी दुनिया से अलग- थलग हो जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार द्वारा कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए बुधवार को घोषित आर्थिक पैकेज से नकदी का प्रवाह बढ़ेगा, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता को मजबूत किया जा सकेगा।


पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि इस पैकेज से कारोबार करने वालों विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा, सरकार द्वारा घोषित कदमों से नकदी बढ़ेगी, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाई जा सकेगी। महामारी के कारण लाखों प्रवासी कामगार भी बेरोजगार और बेघर हो गए हैं, खासकर 25 मार्च को लाकडाउन लागू होने के बाद। हाल के सप्ताहों में उन्हें उनके गृह स्थानों तक पहुंचने में मदद के लिए विशेष रेलगाड़ियों और बसों की व्यवस्था की गई है। हालांकि उनमें से हजारों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ा या ट्रकों और कंटेनरों में छिपकर जाना पड़ा। पिछले कुछ दिनों में, बड़े पैमाने पर प्रवासियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका उत्पन्न हो गई है। इसके अलावा, केरल सहित कुछ स्थानों से ऐसे मामले भी सामने आये हैं, जिनमें केंद्र सरकार द्वारा विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाए जा रहे बड़े अभियान के तहत लाये गए लोगों में से कुछ कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए हैं। केरल में कुछ दिन पहले तक नये मामले आना बंद हो गए थे लेकिन वहां 10 और व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए हैं। इनमें से चार वे व्यक्ति हैं जो विदेश से आये थे।

दिल्ली, गुजरात और तमिलनाडु मेंमामले नहीं थम रहे साथ ही महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और तमिलनाडु और कुछ अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बड़ी संख्या में नए मामले सामने आए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने सुबह के अपडेट में कहा कि कोविड-19 की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,415 हो गई है और मामलों की संख्या बढ़कर 74,281 हो गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि मंगलवार सुबह से 3,525 नये मामले सामने आये हैं और 122 और व्यक्तियों की मौत हो गई है। इनमें ऐसे 47,000 ऐसे मरीज शामिल हैं जिनका अभी इलाज चल रहा है और 24,000 से अधिक ठीक हो चुके हैं। लेकिन शाम होते-होते मरीजों की संख्या 75 हजार को पार कर गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में छत्तीसगढ़, लद्दाख, मणिपुर और मेघालय सहित नौ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया, जबकि अभी तक दमन एवं दीव, सिक्किम, नगालैंड और लक्षद्वीप में कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि पिछले 14 दिनों में मामलों के दोगुने होने की दर 11 थी, जिसमें बीते तीन दिनों में और अधिक सुधार आया और 12.6 हो गई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत और स्वस्थ होने की दर 32.8 प्रतिशत है। सरकार ने साथ ही यह भी कहा कि पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए 3,100 करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया है, जिसमें से लगभग 2000 करोड़ रुपए वेंटिलेटर खरीदने और 1000 करोड़ रुपये प्रवासी मजदूरों के लिए होंगे।

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