ब्यूरो,
ग्लोबल हैण्ड वाशिंग डे (15 अक्टूबर) पर विशेष
हाथों को स्वच्छ बनाएं, बीमारियों को दूर भगाएं : सीएमओ
• इस साल की थीम है “सभी के लिए हाथ की स्वच्छता”
• डायरिया, आँख और त्वचा सम्बन्धी बीमारियों से बचने के लिए हाथों की सही सफाई जरूरी
वाराणसी, 14 अक्टूबर 2021 ।
हाथों में न जाने कितनी अनदेखी गंदगी छिपी होती हैं, जो किसी भी वस्तु को छूने, उसका उपयोग करने और कई तरह के रोज़मर्रा के कामों के कारण होती हैं। यह गंदगी, बगैर हाथ धोए कुछ भी खाने- पीने से आपके शरीर में पहुँच जाती हैं और कई तरह की बीमारियों को जन्म देती हैं । हाथ धोने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए ही वैश्विक स्तर पर हर साल 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस (हैंड वॉशिंग डे) मनाया जाता है ।
अपर निदेशक/मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि इस दिन की शुरुआत साल 2008 में की गयी थी, जिसका प्रयास साबुन से हाथ धोने के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना था । इस साल के ग्लोबल हैंड वाशिंग डे की थीम, “सभी के लिए हाथ की स्वच्छता” निर्धारित की गयी है । इस साल हम सभी ने हाथ की स्वच्छता के महत्व को बखूबी समझा है । कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका ठीक तरह से हाथ धोना है, जिससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वैश्विक सुझावों में कोविड को रोकने और नियंत्रित करने और इसे व्यवहार में लाने के लिए हाथ की स्वच्छता का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की अगुवाई में ‘हैंड हाइजीन फॉर ऑल ग्लोबल इनिशिएटिव’ अभियान को भी शुरू किया गया है।
डॉ वीबी सिंह ने कहा कि हाथ की स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का ही एक हिस्सा है, क्योंकि सिर्फ साबुन से अच्छी तरह हाथ धुल लेने से ही कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है, रोगाणु कई माध्यमों से हमारे शरीर में फैलते हैं। उनमें से एक हमारे हाथ भी बीमारी का एक बड़ा जरिया हैं जिसकी वजह से सबसे ज्यादा बच्चों में संक्रमण व गंभीर बीमारियां जैसे डायरिया, वायरल संक्रमण आदि का खतरा बना रहता है । हम लोग दिनभर में कई प्रकार की चीज़ों को छूते हैं। साथ ही भोजन भी हाथ से ही करते हैं। इन्हीं हाथों से हम अपने मुंह को भी छूते हैं। इसलिये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी यह संक्रमण फैलने का सबसे आसान तरीका बन जाता है । संक्रमण से बचाव का सही तरीका छह चरणों में ठीक तरह से हाथ धोना है | यही हमारे बेहतर स्वास्थ्य की ओर एक अच्छी पहल है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ एके मौर्य ने बताया कि कोरोना के बाद काफी हद तक हाथ की स्वच्छता बनाये रखना हमारे व्यवहार में आया है । कई लोगों ने इसे जिम्मेदारी समझकर अपनाया है तो वहीं कुछ लोग इसे संक्रमण के डर से अपना रहे है | सही तरह से हाथ धुलने से हम दस्त, टाइफाइड, पेट संबंधी रोग, आँख में होने वाले संक्रमण, त्वचा संबंधी रोग आदि से बच सकते है ।
डॉ मौर्य का कहना है कि हाथ धुलने का सही तरीका दो मिनट तक साबुन से छह चरणों में हाथ धोना चाहिए | इसमें सबसे पहले सीधे हाथ पर साबुन लगाकर रगड़ना, उसके बाद उल्टे हाथ, इसके बाद नाखून, फिर अंगूठा, उसके बाद मुट्ठी तथा अंत में कलाई धोनी चाहिए । इस तरह से अगर हम अपने हाथों को धोयेंगे तो निश्चित रूप से 90 प्रतिशत तक बीमारियों से बच सकते हैं । यह संक्रमण से बचाव का बहुत छोटा मगर प्रभावी कदम है ।
क्या कहते हैं आंकड़े : द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद हाथ धोती है, वही सिर्फ 13 प्रतिशत आबादी खाना बनाने से पहले और 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है। दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद हाथ धोते है, 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते है।
हाथ धोना कब-कब है जरूरी : शौच के बाद, खाना बनाने व खाने से पहले, मुंह, नाक व आँखों को छूने के बाद, खाँसने व छींकने के बाद, घर की साफ-सफाई करने के बाद, किसी बीमार व्यक्ति से मिलकर आने के बाद व पालतू जानवरों से खेलने के बाद ।