आतंकी गतिविधि में लिप्त आमिर के दो दोस्तों को हिरासत में लिया एटीएस ने, कई घंटे पूछताछ

ब्यूरो नेटवर्क

आईएसआई से सम्पर्क रखकर आतंकी गतिविधि में लिप्त होने के आरोपी आमिर के दो दोस्तों को एटीएस ने गुरुवार को हिरासत में ले लिया। इनसे पांच घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की गई। फिर शाम को इन्हें बाहर न जाने की चेतावनी के साथ छोड़ दिया गया। वहीं पुराने लखनऊ के तीन साइबर कैफे में भी एटीएस की टीम ने छानबीन की। इन कैफे में फुटेज भी खंगाले गये। 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल से मिली जानकारी पर एटीएस ने आलमबाग की प्रेमवती कालोनी से मो. आमिर जावेद को पकड़ा था। आमिर पर आरोप था कि वह आईएसआई के सम्पर्क में था और कई जगह विस्फोट करने की साजिश में मुख्य आरोपियों की मदद कर रहा था। आमिर से पूछताछ के बाद ही उसके पिता असलम व दो छोटे भाइयों को भी हिरासत में लिया गया था। इन्हें भी पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। 

मोबाइल व पेन ड्राइव से मिले कई सुराग

आमिर के मोबाइल, पेन ड्राइव को जब एटीएस ने खंगाला तो कई सुराग हाथ लगे थे। कॉल डिटेल के आधार पर ही एटीएस ने उसके दो दोस्तों से पूछताछ की। इन दोनों से आमिर के आफिस के बारे में पूछा गया। यहां आने वालों के बारे में कई बार सवाल किये गये। दोनों दोस्तों के मोबाइल से कई नम्बर भी एटीएस के अफसरों ने नोट किये।

डी कम्पनी से सम्पर्क सूत्र भी खंगाले

एटीएस के एक अधिकारी के मुताबिक रायबरेली से पकड़ा गया लाला सीधे तौर पर दाउद इब्राहिम के भाई अनीस से जुड़ा रहा है। लाला के ही सम्पर्क में गिरफ्तार ओसामा, जीशान, अबू बकर और आमिर थे। इसी वजह से एटीएस लखनऊ में भी डी कम्पनी से जुड़े लोगों का पता लगा रही है। इसमें एटीएस ने एलआईयू की भी मदद ली है।

मिनहाज से जेल में पूछताछ की गई

एटीएस सूत्रों का कहना है कि दो इंस्पेक्टरों ने 11 जुलाई को पकड़े गये मिनहाज व मुशीर से जेल में पूछताछ की। एटीएस मिनहाज और आमिर के बीच में सम्पर्क के बारे में पता कर रही है। हालांकि अभी तक इन दोनों के एक दूसरे से कोई सम्पर्क होने के सुबूत नहीं मिले हैं। आमिर कुछ लोगों से वीडियो कॉल पर ही बात करता था। इस बारे में भी पता किया जा रहा है कि ये कौन लोग थे। 

मेवा बेचने वालों का ब्योरा तैयार हो रहा

आमिर के मोहल्ले में पिछले कई सालों से कश्मीर से मेवा लेकर आने वालों की भीड़ जाड़े में लगती है। इनमें से तीन लोगों के रुकने का इंतजाम आमिर ही करता था। एटीएस को आमिर के दोस्तों से पता चला कि कश्मीर से आने वाले कई लोग आमिर के सम्पर्क में थे। इसके बाद से ही एटीएस मेवा बेचने वालों का ब्योरा तैयार कर रही है। 

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