कब तक बलूचिस्तान में आवाजें कुचलेगा पाकिस्तान, इमरान सरकार ने मानवाधिकार आयोग की वेबसाइट को किया बैन

पाकिस्तान बलूचिस्तान में लोगों की आवाज कुचलने की लगातार कोशिशें करता रहा है। अब पाकिस्‍तान ने बलूचिस्‍तान मानवाधिकार आयोग की वेबसाइट पर अनिश्चितकाल तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। एक स्‍थानीय मीडिया एजेंसी बलूचिस्‍तान पोस्‍ट के मुताबिक यह मानवाधिकार संगठन एक गैर लाभकारी संगठन होने का दावा करता है और इस प्रांत में काफी सक्रिय है। इस एनजीओ को कई तरह के मीडिया प्रतिबंधों का सामना करने को मजबूर होना पड़ा है। यह एनजीओ की कुछ विदेशी देशों जैसे स्‍वीडन, फ्रांस और यूके में भी मौजूद है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पिछले कुछ सालों से यह संगठन बलूचिस्‍तान में मानवाधिकार उल्‍लंघनों की जानकारियों को इकट्ठा कर रहा है और इन सूचनाओं को अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया और कुछ अन्य संगठनों को रिपोर्ट करता है। संगठन में कई तरह के स्‍वंयसेवी कार्यकर्ता और समर्थक हैं जो बलूचिस्‍तान के हर इलाकों से सूचनाओं को इकट्ठा करते हैं और इसकी रिपोर्ट करते हैं। बलूचिस्‍तान पोस्‍ट न्‍यूज डेस्‍क के मुताबिक, पाकिस्‍तान के अधिकारियों  ने मानवाधिकार आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रतिंबंध लगा दिया है। अगर इस वेबसाइट को खरोने की कोशिश की जाती है तो ऐसा दिखाई देता है- ‘सर्फ सेफली! जिस साइट को आप एक्‍सेस करने की कोशिश कर रहे हैं उसमें ऐसी सामग्री है जो पाकिस्‍तान में देखने के लिए प्रतिबंधित है।’

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के इस कार्रवाई से आयोग को आघात पहुंचा है और कहा है कि वह एक फेयर और निष्पक्ष मानवाधिकार संगठन है न कि बलूचिस्तान में युद्ध के लिए एक पार्टी। दरअसल, बलूचिस्तान में मीडिया पर पाबंदियों की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी पारदर्शी और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के बावजूद बलूचिस्तान पोस्ट नेटवर्क को बैन किया गया है। इतना ही नहीं, कुछ अन्य मीडिया और संगठनों को भी बैन किया गया। 

पत्रकार निकायों और मानवाधिकारों के समूह का आरोप है कि बलूचिस्तान में काफी कड़े मीडिया प्रतिबंधों के तहत कार्य हो रहा है। जनता की राय को दबा दिया जाता है, राजनीतिक असंतोष को क्रूरता से रोका जाता है और बोलने की स्वतंत्रता पर रोक लगाई जाती है। बता दें कि बलूचिस्तान में जोर और जबरदस्ती से पाकिस्तान हुकूमत चला रहा है और वहां के लोगों की आवजाों को कुचलता रहता है।

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