ब्यूरो,
टोक्यो ओलिंपिक में मुक्केबाजी में भारत को जोरदार झटका लगा है। छह बार की विश्व चैंपियन भारतीय मुक्केबाज एमसी मेरी कोम ने महिला फ्लाईवेट (48-51 किग्रा) वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में हारकर ओलिंपिक में दूसरा मेडल जीतने का मौका गंवा दिया। कोलंबिया की इंग्रिट लोरेना वालेंशिया ने उन्हें 3-2 से हराया। हालांकि, भारतीय मुक्केबाज के लिए यह मैच काफी दुर्भाग्यपूर्ण रहा। वह तीन में दो राउंड जीतकर भी हार गईं। जब रेफरी ने बाउट के अंत में वालेंशिया का हाथ उठाया, तो भारतीय बॉक्सर की आखों में आंसू और चेहरे पर मुस्कान थी।
पहली घंटी बजने पर वालेंशिया जिस तरह से प्रहार किया, उससे यह बिल्कुल स्पष्ट था कि मुकाबला हाई वोल्टेज होगा। दोनों शुरुआत से ही एक दूसरे पर हमला करते दिखाई दिए और वालेंशिया ने शुरुआती दौर में 4-1 से जीत हासिल की और मुकाबले पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। मणिपुर की अनुभवी खिलाड़ी मेरी कोम ने दूसरे और तीसरे दौर में शानदार प्रदर्शन किया। दोनों राउंड 3-2 से जीतीं, लेकिन शुरुआती राउंड में बढ़त के कारण वालेंशिया इस मैच को जीत गईं।
भारतीय मुक्केबाज ने पहले 2019 विश्व चैंपियनशिप क्वार्टर फाइनल में वालेंशिया को हराया था और उनके खिलाफ कोलंबियाई मुक्केबाज की पहली जीत है। मेरी कोम की तरह 32 वर्षीय वालेंशिया अपने देश की स्टार मुक्केबाज हैं। वह ओलिंपिक खेलों में कोलंबिया का प्रतिनिधित्व करने वाली और खेलों में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला मुक्केबाज हैं।
स्टार मुक्केबाज मेरी कोम की हार के बाद भारत को अब सतीश कुमार, पूजा रानी और लवलीना लवलीना बोरगोहेन से पदक की उम्मीदे हैं। ये तीनों मुक्केबाज क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए हैं। पदक जीतने से तीनों बस एक कदम दूर हैं। मालूम हो कि मुक्केबाजी के नियमों के अनुसार दो खिलाड़ियों को कांस्य पदक मिलता है। ऐसे में सेमीफाइनल में पहुंचते ही इनका पदक पक्का हो जाएगा। टोक्यो ओलिंपिक में भारत की तरफ से 9 मुक्केबाजों ने हिस्सा लिया है। इनमें तीन अब तक बाहर हो चुके हैं। मेरी कोम के अलावा मनीष कौशिक और विकास कृष्णन प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गए हैं।