श्रमिकों से किराया वसूलने की खबरें आ रही हैं – सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने केन्द्र और प्रदेश की सरकारों के मजदूर और मजलूम विरोधी रवैये की भर्त्सना करते हुए कहा है कि सम्पूर्ण देश के कोने कोने में करोडो़ मजदूर और मजलूम लोग अपने दुःख दर्द के साथ अपनी अपनी जन्मभूमि पर जाने के लिए तड़प रहे हैं और सरकारें अपनी हठधर्मिता और बर्बरता का रुख दिखाते हुए इन गरीबों का मजाक उडा़ रही हैं। सम्पूर्ण देश के सम्पूर्ण लाक डाउन का दंश झेल रहे इन लोगों से लगातार किराया वसूलने की खबरें आ रही हैं और सरकारों द्वारा झूठ बोलने से लगातार इन्हें आघात पहुँचाया जा रहा है।ऐसा लगता है कि सरकारें अपनी मशीनरी से इनका शोषण कराकर खुद को निर्दोष साबित करना चाहती है।यदि ऐसा नहीं है तो सख्ती से जाँच कराकर दूध का दूध और पानी का पानी भी होना चाहिए। श्री त्रिवेदी ने कहा कि इस देश की भोली भाली जनता ने देश के प्रधानमंत्री की इच्छा के अनुरूप इस महामारी से सम्बन्धित सभी सहयोग दिया परन्तु सरकारों ने प्रत्येक स्तर पर पूँजीवादी होने का परिचय दिया है, चाहे शराब की दुकानों को चालू कराना हो या विदेशों से धनाढ्य लोगों को सोशल डिस्टेन्सिग को दरकिनार कर हवाई जहाज से लाना।यह कहना गलत न होगा कि सरकार का प्रत्येक निर्णय कारपोरेट घरानों को ध्यान में रखकर होता है।सर्वप्रथम ए.सी.ट्रेनों के चलाने का निर्णय भी इसी प्रकार का है क्योंकि अपनी जन्मभूमि की याद में मध्यम वर्ग और गरीब तड़प रहा है जो सरकार को दुगना किराया देने में अस्मर्थ है।आखिर इस पूँजीवादी व्यवस्था में क्या गरीब परिवार सदैव शोषित होते रहेंगे?

रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने सरकार से माँग करते हुए कहा कि गरीबी का प्रत्येक स्तर पर मजाक उड़ाने का पर्दाफाश होना चाहिए भले ही मन की बात कहने के बहाने हमारे प्रधानमंत्री को ही क्यों न आना पडे़।इस कृषि प्रधान देश में किसानों, कामगारों,मजदूरों और मजलूमों का मजाक उड़ाने का क्रम बन्द होना चाहिए क्योंकि संविधान के अनुसार देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्राप्त हैं और अर्थव्यवस्था का बहाना बनाने वाली सरकार को यह सोचना होगा कि अर्थव्यवस्था की रीढ़ की वास्तविकता मजदूरों के पसीने में छिपी है और निकट भविष्य में यह प्रत्येक उद्योगपति की समझ में आ जायेगा।

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