एटीएस की जांच में खुला राज, आतंकियों की कानपुर में संपर्कियों से होती थीं सबसे ज्यादा बातें

ब्यूरो,

अंसार गजवातुल हिंद के आतंकी सबसे ज्यादा कानपुर के संपर्क में थे। गिरफ्तार आतंकियों के फोन काल रिकार्ड से एटीएस को पता चला है कि पांच में से तीन आतंकी लगातार कानपुर के अपने संपर्कों से बातें कर रहे थे।

एटीएस सूत्रों के मुताबिक, मिनहाज अहमद, मसीरुद्दीन और शकील कानपुर के संपर्कों से लगातार जुड़े थे। मुजफ्फरनगर के थाना तितावी के गांव मांडी निवासी मुस्तकीम का संपर्क मेरठ के लोगों से था, जबकि न्यू हैदरगढ़, कैंपल रोड निवासी मोहम्मद मुईन लखनऊ में संगठन का काम देख रहा था। यह जानकारी एटीएस को पांचों के पास मिले मोबाइल फोन के रिकार्ड से हुई है। रिकार्ड के मुताबिक, कानपुर में ऐसे लगभग डेढ़ दर्जन लोग हैं, जो आतंकियों के संपर्क में थे। हालांकि, सीडीआर में करीब तीन दर्जन से अधिक यहां के नंबर मिले हैं।

माना जा रहा है कि डेढ़ दर्जन अन्य लोग ऐसे हैं, जो उनकी योजना से अनजान थे, जबकि बाकी साजिश में शामिल थे। इन सभी की तलाश हो रही है। फोन रिकार्ड के हिसाब से ही एटीएस ने अभी तक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, एक बिल्डर समेत कानपुर के नौ लोगों से पूछताछ की है। बताते हैं, मिनहाज और मसीरुद्दीन के मोबाइल फोन से दर्जन भर से अधिक वीडियो भी एटीएस को मिले हैं, मगर इनमें क्या है, इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। उन्हें खंगाला जा रहा है। वहीं, मुस्तकीम के मेरठ स्थित करीब सात सहयोगियों का पता चला है।

असम से प्री-एक्टिवेट कराकर 10 हजार से ज्यादा सिमकार्ड उप्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश में इस्तेमाल करने का राजफाश पिछले दिनों कानपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने किया था। उन सिमकार्ड का इस्तेमाल अपराधिक घटनाओं में होने की भी बात सामने आई थी। अब लखनऊ में दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद सर्विलांस टीम की मदद से सिमकार्डों की जांच शुरू हुई है। आतंकियों को कानपुर से ही प्री एक्टिवेट सिम मिले थे। आशंका है कि यह सिम असम वाले हो सकते हैं। एटीएस इस दिशा में भी काम कर रही है।

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