उत्तराखंड:नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सांसद अजय भट्ट बनें केंद्रीय मंत्री, वकील से एमपी बनने तक का जानिए पूरा सफर
नैनीताल-उधमसिंहनगर के भाजपा सांसद अजय भट्ट को पीएम मोदी की कैबिनेट में जगह मिल गई है। भट्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पू्र्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को 2019 के आम चुनाव में तीन लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी। पहली बार सांसद बने भट्ट ने मोदी मंत्रिमंडल में जगह बना ली है। उत्तराखंड में कांग्रेस शासनकाल में भट्ट ने नेता प्रतिपक्ष की बखूबी भूमिका निभाते हुए कांग्रेस को कई बार सदन में आड़े हाथों भी लिया था। अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में 01 मई 1961 को जन्मे भट्ट को राजनीति का लंबा अनुभव है। वह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश प्रभारी भी रह चुके हैं। पार्टी के सभी गुटों के साथ तालमेल बनाकर उन्होंने भाजपा को उत्तराखंड में एक मजबूती भी दी। विधानसभा चुनाव में भी भट्ट ने अहम योगदान निभाया था। भाजपा कार्यकाल के दौरान उत्तराखंड सरकार में वह कई पदों पर रह चुके हैं। सांसद बनने से पहले भट्ट रानीखेत, अल्मोड़ा से विधायक भी रह चुके हैं।
शैक्षणिक योग्यता: बीए और एलएलबी। ( कुमाऊं विश्वविद्यालय )
परिवार: सांसद अजय भट्ट की शादी पुष्पा भट्ट से 28 फरवरी 1986 को हुई थी। दोनों का एक बेटा और तीन बेटियां हैं।
इन पदों की संभाल चुके हैं जिम्मेदारी:
1996-2000 सदस्य, उत्तर प्रदेश विधान सभा
1996-2000 सदस्य, लोक लेखा समिति, उत्तर प्रदेश विधान सभा
1996-2000 सदस्य, सीपीए, उत्तर प्रदेश विधान सभा
1996-2000 अध्यक्ष, विशेषाधिकार समिति, उत्तर प्रदेश विधान सभा
2001-2002 कैबिनेट मंत्री, संसदीय कार्य, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, उत्तराखंड सरकार
2002-2007 और 2012-2017 सदस्य, उत्तराखंड विधान सभा (दो कार्यकाल)
2009-2011 अध्यक्ष, एनआरएचएम, उत्तर प्रदेश विधान सभा
2012-2017 नेता प्रतिपक्ष, उत्तराखंड विधान सभा
मई, 2019 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित
13 सितंबर 2019 सदस्य, रक्षा संबंधी स्थायी समिति और
सदस्य, सलाहकार समिति, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
09 अक्टूबर 2019 से सदस्य, अधीनस्थ विधान संबंधी समिति
11 दिसंबर 2019 सदस्य, संयुक्त समिति व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019
1 मई 2020 से सदस्य, प्राक्कलन समिति
जीवन परिचय:
सांसद अजय भट्ट ने पहली बार विद्यार्थी परिषद की सदस्यता 1980 में ली थी। पेशे से वकील भट्ट ने राजनीति में भी हाथ अजमाया और फिर भट्ट ने कभी भी पीछे मूड कर नहीं देखा। भाजयुमो उत्तर प्रदेश कार्य समिति का सदस्य भी भट्ट को 1985 में बनाया गया। भाजयुमो रानीखेत और भिकियासैंण तहसील के संयोजक भी बने। 09 नवंबर 2000 को जब उत्तरांचल बना तब अंतरिम सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी थे। 2002 के चुनाव में भट्ट रानीखेत से विधायक चुने गए, जबकि 2007 में उन्हें रानीखेत विधानसभा सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। 2009 में वह निशंक सरकार में एनआरएचएम के उपाध्यक्ष बने, 2012 में रानीखेत विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए, 19 मई 2012 को पार्टी ने उन्हें सदन में नेता विपक्ष बनाया।