पूँजीवाद की पोषक केन्द्र सरकार- डा0 मसूद अहमद

लखनऊ ।राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने पूँजीवाद की पोषक केन्द्र सरकार

This image has an empty alt attribute; its file name is Dr.-Masood-Ahmad-RLD-UP-1.jpg
डा. मसूद अहमद

की मजदूर विरोधी नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा है कि उसके द्वारा लाक डाउन के 45दिन बाद विभिन्न प्रदेशों में फँसे हुए लाखों गरीब मजदूरों और कामगारों को उनके घरों तक पहुंचाने का उपाय किया जा रहा है जबकि विदेशों से आने के लिए तीन दिन का समय पूर्व में ही दे दिया गया था।इन गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था के झूठे वादे किये जाते रहे और लोग भूख से तड़पते रहे।यही कारण है कि वे साइकिल, ठेलिया के साथ ही काफी तादाद में अपने सिर पर गठरी रखकर पैदल ही बच्चों के साथ चल दिये।रास्ते में मीडिया द्वारा इनकी दशा पर प्रकाश भी डाला गया, परन्तु बेरहम सरकार के कान में जूँ तक नहीं रेंगी। डा.अहमद ने कहा कि रास्ते में बच्ची की मृत्यु का पता चलने के बाद भी सरकार का मजदूर विरोधी होना बेरहमी की पराकाष्ठा थी।रास्ते में मीडिया से मजदूर बताते थे कि मालिक रुपये नहीं दे रहा है और सरकार भूखों मरने को मजबूर कर रही है, इसी लिए वे अपने घरों को जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि इसी की परिणति औरंगाबाद के पास 16 मजदूरों की रेलवे लाइन पर असमय दर्दनाक मृत्यु के रूप में हुई।।

रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिस प्रकार देश के प्रधान मंत्री ने सम्पूर्ण देश में सम्पूर्ण लाक डाउन की घोषणा की थी तो उसी के साथ इन गरीबों की भी सम्पूर्ण व्यवस्था की घोषणा करनी चाहिए थी और सभी प्रदेशों की सरकारों की इस सन्दर्भ में जवाब देही तय होनी चाहिए थी परन्तु सरकार का ध्यान केवल देश के धनी परिवारों की ओर था यही कारण है कि गरीब ओझल होते चले गए।उन्होंने माँग करते हुए कहा कि सरकार ऐसे उद्यमियों का पता लगाकर उनके लाइसेंस निरस्त करे इन मजदूरों और कामगारों को वेतन देने से मना किया हो।ऐसा करना ही असमय काल के गाल में समा गए मजदूरों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *