पीएम मोदी संग जम्मू-कश्मीर के नेताओं की बैठक संपन्न, विश्वास बहाली पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर जम्मू-कश्मीर को लेकर तमाम स्थानीय नेताओं के साथ अहम बैठक हुई। तीन घंटे से भी ज्यादा चली इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेता शामिल हुए थे। बैठक के नतीजों के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। लेकिन मौटे तौर पर इस बार पर सहमति बनी कि प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाए। अधिकांश पार्टियों ने प्रदेश को राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग की। पीएम ने आश्वासन दिया कि परिसीमन का काम पूरा होने के बाद उस पर विचार किया जाएगा। प्रदेश में शांति बनाये रखने पर सभी में सहमति दिखी।

बैठक में जो नेता शामिल हुए, उनमें चार पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा चार पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, मुजफ्फर हुसैन बेग, डा. निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता भी शामिल हैं। अन्य नेताओं में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (माकपा) नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी और पैंथर्स पार्टी के प्रो. भीम सिंह को आमंत्रित किया गया था। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया कि बैठक में धार 370 पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा राज्य का दर्जा दिये जाने और राजनीतिक नेताओं को रिहा किये जाने की मांग रखी गई।

मोटे तौर पर पीएम की बैठक में इस बात पर आम सहमति दिखी कि जम्मू-कश्मीर में शांति, स्थिरता, सुरक्षा और विकास के स्थायी वातावरण की बहाली का रोडमैप बन सके और राजनीतिक प्रक्रिया को गति दी जा सके। आपको बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है।

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