भोपाल, आज ज्येष्ठ पूर्णिमा का चंद्रमा विशाल आकार में दिखाई देगा। शाम लगभग 7 बजे पूर्व दिशा में जब चंद्रमा उदित होगा तो उसका आकार सामान्य पूर्णिमा के चंद्रमा की तुलना में बड़ा होगा और चमक भी अधिक होगी। नेशनल अवार्ड से सम्मानित विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि यह खगोलीय घटना सुपरमून कहलाती है। यह इस साल का तीसरा सुपरमून होगा। सारिका घारू ने बताया कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के इस मून को पश्चिमी देशों में स्ट्रॉबेरी की हार्वेस्टिंग का मौसम होने के कारण स्ट्रॉबेरी मून नाम दिया गया है। इसे हनी मून भी कहते हैं क्योंकि इस समय वहां हनी हार्वेस्ट करने के लिये तैयार हो जाता है। यूरोपीय देशों में जून्स फुलमून भी नाम दिया जाता है। पश्चिमी देशों में इसे रोजमून भी कहा जाता है। इसका यह नाम उदित होते फुलमून के लालिमा के कारण तथा कुछ क्षेत्रों में इस समय खिलने वाले गुलाब के कारण दिया गया है।
जब चद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा अंडाकार पथ पर करते हुए 3.61.885 किमी से कम दूरी पर रहता है तो उस समय पूर्णिमा का चांद सुपरमून कहलाता है। यह माइक्रोमून की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार दिखता है। सारिका ने बताया कि सुपरमून को यादगार बनाने क्षितिज से उदित हो रहे चंद्रमा की फोटोग्राफी की जा सकती है। मून इलुजन की घटना के कारण चंद्रमा विशाल गोले के रूप में दिखेगा।