कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ काम को तैयार नहीं नवजोत सिद्धू , राहुल गांधी भी नहीं निकाल पाए समाधान

पंजाब कांग्रेस में अगले साल होने वाले चुनावों से पहले रार थामने की हाईकमान की तमाम कोशिशों पर अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका। इसकी बड़ी वजह नवजोत सिंह सिद्धू का डिप्टी सीएम पद का ऑफर ठुकरा देना और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अड़ना बताया जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिद्धू ने कैप्टन की लीडरशिप में डिप्टी सीएम बनने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि यदि वह इस पद को स्वीकार भी कर लेते हैं तो सहज नहीं रह पाएंगे। इसकी बजाय वह प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी चाहते हैं। वहीं कैप्टन अमरिंदर इसके खिलाफ बताए जा रहे हैं।

सीएम की राय है कि प्रदेश अध्यक्ष का पद किसी हिंदू नेता को मिलना चाहिए ताकि अगले साल होने वाले चुनावों में संतुलन साधा जा सके। इससे वोटरों पर भी असर होगा। कहा जा रहा है कि बीते सप्ताह शनिवार को ही राहुल गांधी ने पंजाब के मसले को हल करने के लिए बने पैनल से बातचीत की थी। लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने ‘द ट्रिब्यून’ से बातचीत में कहा कि इस मसले का हल जुलाई तक निकल सकता है। रावत ने कहा कि पंजाब का मामला जुलाई में सुलझ जाएगा, जब मॉनसून पंजाब पहुंच जाएगा।  

उनका कहना था कि पंजाब कांग्रेस में आमूलचूल परिवर्तन किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें संतुलन साधने की जरूरत है और अगले साल होने वाले चुनावों से पहले सभी को साथ लेकर चलना चाहिए। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सिद्धू ने पैनल से साफ तौर पर कह दिया है कि वह डिप्टी सीएम के पद के लिए तैयार नहीं हैं और प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं। वहीं सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह किसी हिंदू नेता को यह जिम्मेदारी देने के पक्ष में हैं। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि फिलहाल पंजाब में दोनों नेताओं के बीच बर्फ पिघलती नहीं दिख रही है क्योंकि दोनों ही अपने स्टैंड से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *