ब्लैक, व्हाइट और यलो के बाद अब मिला ग्रीन फंगस, जानें कितना खतरनाक

इंदौर के एक मरीज में ग्रीन फंगल की पुष्टि हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि देश में ग्रीन फंगस का यह पहला मामला है. यह संक्रमण ब्लैक और वाइट दोनों संगत से बेहद खतरनाक है. इंदौर के मानिक बाग रोड पर रहने वाले विशाल श्रीधर में इस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद मुंबई में उनका इलाज चल रहा है.

इंदौर. ब्लैक, व्हाइट और यलो फंगस के बाद अब इंदौर में ग्रीन फंगस का पहला मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार अरविंदो अस्पताल में 34 वर्षीय एक व्यक्ति के फेफड़ों और साइनस में एस्परगिलस फंगस की पुष्टि हुई है. व्यक्ति का इलाज फिलहाल मुंबई में चल रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि यह संक्रमण ब्लैक और व्हाइट दोनों फंगस से बेहद खतरनाक है.

आपको बता दें कि माणिक बाग रोड पर रहने वाले विशाल श्रीधर को कुछ दिन पहले कोरोना हुआ था. ठीक होने के बाद उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया लेकिन पोस्ट कोविड लक्षणों के कारण उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान उनके फेफड़ों और साइनस में एस्परगिलस फंगस मिला जिसकी पहचान ग्रीन फंगस के रूप में हुई है. डॉक्टरों ने बताया कि विशाल के फेफड़ों में 90 फीसदी संक्रमण हो गया था जिसके बाद उन्हें चार्टर्ड प्लेन से मुंबई भेजा गया. अब हिंदुजा अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.

डॉक्टरों के अनुसार करीब डेढ़ महीने पहले विशाल इलाज के लिए आए तो उनके दाएं फेफड़े में मवाद भरा हुआ था. उन्होंने मवाद निकालने का काफी प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके. इलाज के दौरान विशाल में अलग-अलग तरह के लक्षण नजर आए. उनका बुखार भी 103 डिग्री से कम नहीं हुआ. जानकारी के अनुसार एस्परगिलस फंगस को सामान्य भाषा में येलो फंगस और ग्रीन फंगस कहा जाता है, जो कभी-कभी ब्राउन फंगस के रूप में भी मिलता है. फिलहाल डॉक्टरों का कहना है कि यह ग्रीन फंगस का पहला मामला है जिसकी जांच की जा रही है. यह फंगस लंग्स को काफी तेजी से संक्रमित करता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *