नीतीश का चिराग को करारा जवाब, बागी MP बोले- पशुपति पारस को मंत्री बनाएं मोदी

लोजपा से चिराग पासवान को अकेला छोड़ अलग हुए पांच सांसद पशुपति पारस पासवान, प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली केसर ने आपसी सहमति बनाते हुए मांग की है कि पशुपति पारस को मोदी कैबिनेट में जगह दी जाए. बागी सांसदों के इस फैसले को लेकर जदयू उनके साथ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसपर अपना मत भी दे दिया है.

पटना. लोक जनशक्ति पार्टी में अलगाव की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. लोजपा के 6 में से पांच सांसदों ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत का ऐलान कर दिया है. पांचों सांसदों ने लोकसभा के स्पीकर को पत्र लिखकर यह भी कहा कि उन्हें लोजपा से अलग दल की मान्यता दी जाए और इसे असली लोजपा कहा जाए. इसी के साथ बगावत कर अलग होने वाले पशुपति पारस पासवान, प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली केसर ने सहमति कर कहा है कि पशुपति पारस को मोदी कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद दिया जाए.

पांचों सांसदों ने आपस में सहमति बनाकर तय किया है कि पारस कुमार को मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनाया जाए और रामविलास पासवान की जगह दी जाए. इसी के साथ जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की तरफ से भी प्रस्ताव भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसपर वीटो लगा दिया है. लोजपा से अलग हुए सांसद लगातार जदयू के संपर्क में बने हुए हैं. राजनीतिक सूत्रों का मानना है कि बागी सांसद ना बीजेपी से संपर्क में है और ना ही चिराग पासवान से कोई बात कर रहे हैं. 

चिराग पासवान की तरफ से खामोशी छा गई है. उन्हें इस बार किसी तरह से क्राइसिस मैनेज करने का टाइम ही नहीं मिला. इससे पहले जब भी लोजपा में बगावत के सुर उठते थे तो रात में ही पशुपति पारस से बयान बदलवा दिया जाता था. महबूब अली की तरफ से भी चिठ्ठी जारी कर दी जाती थी लेकिन रविवार रात जो बगावत छिड़ी उसमें चिराग पासवान बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही लोजपा में बगावत के सुर बजने लगे थे. जब चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार पर तीखे तंज कस रहे थे तब पशुपति पारस ने उनका बचाव करने कोशिश की थी लेकिन राजनीतिक दबाव बनाए जाने के कारण वह पीछे हट गए थे. इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट विस्तार को लेकर भी लोजपा में अलग मत थे. चिराग पासवान कैबिनेट में रामविलास पासवान की जगह शामिल होना चाह रहे थे. .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *