ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट पर एक अहम अध्ययन किया है। उन्होंने पता लगाया है कि यह घर के माहौल में ज्यादा फैलता है।
नई दिल्ली
कोरोना के डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। यह घर के माहौल में ज्यादा फैलता है। पिछली लहर की तुलना में इस बार एक ही परिवार के कई सदस्यों के संक्रमित होने की यही मुख्य वजह रही। ब्रिटेन की गवर्नमेंट हेल्थ ऑर्गनाइजेशन
(पीएचई) ने इस बात का पता लगाया है। कोरोना के इस वैरिएंट का सबसे पहले भारत में पता चला था।
स्टडी के अनुसार, कोरोना के अन्य वैरिएंट ज्यादातर घर में एक सदस्य को संक्रमित करते हैं। वहीं, डेल्टा वैरिएंट ज्यादा लोगों को संक्रमित करता है। इसी कारण से इस बार एक ही परिवार में कई सदस्य संक्रमित हुए। देश के कई हिस्सों में डेल्टा वैरिएंट ने कोरोना की दूसरी लहर को हवा दी। इनमें दक्षिण के राज्य शामिल हैं।
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पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने घर के माहौल में डेल्टा वैरिएंट की तुलना अल्फा वैरिएंट (बी.1.1.7) के साथ की। अल्फा वैरिएंट सबसे पहले ब्रिटेन में मिला था। यह भी कोरोना का खतरनाक वैरिएंट है।
क्या कहती है स्टडी?
पीएचई की स्टडी शुक्रवार को जारी हुई। इसमें कहा गया, ‘अपने अध्ययन में हमने कोरोना के घरों में फैलने का अध्ययन किया है। इसमें अल्फा वैरिएंट की तुलना डेल्टा वैरिएंट से की गई है। स्टडी से पता चला है कि डेल्टा वैरिएंट के ज्यादा तेजी से फैलने में घरेलू माहौल काफी अहम है।’
वैक्सीनेशन है कारगर
अध्ययन के मुताबिक, डेल्टा वैरिएंट के कारण घरों में 64 फीसदी ज्यादा कोरोना फैला। इसका समाज पर व्यापक असर पड़ा। कोरोना की दूसरी लहर भारत के लिए काफी खतरनाक साबित हुई। कोरोना के रूप बदलने से मुश्किलें और बढ़ गईं। अच्छी बात यह है कि वैक्सीनेशन इन वैरिएंट से सुरक्षा प्रदान करता है। यहां तक संक्रमण होने पर भी बीमारी गंभीर रूप नहीं लेती है। इससे अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
देश में कोरोना की वैक्सीन लगाने की मुहिम इस साल जनवरी में शुरू हुई थी। सबसे पहले हेल्थकेयर, फ्रंटलाइन वर्कर्स और बुजुर्गों को इसमें शामिल किया गया। इसके बाद अप्रैल में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन देने की शुरुआत हुई थी। फिर मई में 18-45 साल के उम्र के लोगों को भी सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए पात्र किया।
क्या है बचाव?
परिवार में किसी के कोरोना पॉजिटिव हो जाने पर घर में मास्क पहनें। वैक्सीनेशन के बाद कोरोना के लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। किसी सदस्य को कोरोना होने पर घर में एक साथ बैठने से बचें। कोरोना के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें।
वैक्सीन बेचने के लिए कुछ सच भी बोलो । गोलमोल बातें । वैक्सीनशन से म्युटेशन हुआ और बन्दा घर मे था सब संक्रमित हो गए । नोबल प्राइज विनर भी यह बता चुका है । लेकिन सच छुपाना है ।