तारामंडल और आकाशगंगा का अब होगा लाइव अध्ययन

संपूर्णानंद संस्कृत विवि में अब ज्योतिष शास्त्र के साथ आधुनिक खगोल विज्ञान की पढ़ाई भी होगी। विश्वविद्यालय की 50 वर्ष पुरानी तंत्रशाला को पुनर्जीवित किया गया है। यहां अब आकाशगंगा, तारामंडल और ग्रह-नक्षत्रों के साथ ही आधुनिक गणित की भी पढ़ाई कराई जाएगी।

तंत्रशाला में होगा तारों का संसार

तंत्रशाला में सेलेस्टियल ग्लोब, एस्ट्रो लैब और एस्ट्रो ग्लोब जैसे कई उपकरण लगाए गए हैं। सेलेस्टियल ग्लोब पृथ्वी की आकृति, बाहर शीशे के आवरण पर चारों तरफ अंतरिक्ष और उसमें फैले तारामंडल और ग्रहों की आकृति बनी रहती है। ज्योतिषीय गणना में पृथ्वी के घूमने की गति के साथ तारामंडल और ग्रहों की स्थितियों का इसके जरिए सूक्ष्म अध्ययन संभव है। ज्योतिष विभाग के प्रभारी और तंत्रशाला को पुनर्जीवित करने वाले डॉ. अमित कुमार शुक्ल बताते हैं कि किसी जमाने में ये सारे उपकरण अमेरिका की एमएमआई कॉर्प नामक कंपनी से मंगवाए गए थे। मगर विभाग में कभी इनका इस्तेमाल नहीं हो सका था।

टेलिस्कोप से दिखेगी दो हजार गुना बड़ी छवि

तंत्रशाला में रखे आठ इंच के लेंस वाले सेलेस्ट्रॉन-8 टेलिस्कोप से आकाश की आकृतियां दो हजार गुना तक बड़ी करके देखी जा सकती हैं। पास के ग्रहों के अध्ययन के लिए यहां चार इंच का टेलिस्कोप भी रखा हुआ है। डॉ. शुक्ल ने बताया कि परिसर में स्थित वेधशाला के 13 उपकरणों का भी रखरखाव किया जा रहा है ताकि ज्योतिष शास्त्र के अध्ययन और शोध कार्यों में उनका बेहतर इस्तेमाल हो सके।

ये उपकरण भी मिले

स्लाइड प्रोजेक्टर : ग्रह-नक्षत्रों और तारामंडल की स्थितियों की स्लाइड इस उपकरण के जरिए देखी जाती है। इसके साथ ही नासा से अप्रूव्ड पांच हजार स्लाइड भी उपलब्ध हैं।

साइंटिफिक कैल्कुलेटर : 50 साल पुराना यह साइंटिफिक कैल्कुलेटर बिजली से चलता है। हालांकि अब इससे बेहतर कैल्कुलेटर उपलब्ध हैं लेकिन यह आकर्षण के केंद्र के तौर पर सहेजा गया है।

प्लैनेटेरियम : सूर्य के चारों तरफ चक्रमण करने वाले ग्रहों की स्थिति स्पष्ट करने के लिए यह उपकरण है। इसे ऑन करने पर अंदर मौजूद सभी ग्रह अपनी निर्धारित गति से सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाते हैं।

स्टार वर्ल्ड : यह उपकरण विद्यार्थियों को ग्रहों की स्थिति की शुरुआती शिक्षा देने के लिए है। ग्लोब से निकलने वाली रोशनी प्रयोगशाला की छत पर तारामंडल का चित्र उकेर देती है।

एस्ट्रो लैब और ग्लोब : दोनों ही उपकरण पृथ्वी की अपनी धुरी पर घूमने के साथ ज्योतिषीय महत्व के ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति की सटीक जानकारी देते हैं।

स्टार ग्लोब : यह ग्लोब भी पृथ्वी के नक्शे पर विभिन्न नक्षत्रों की स्थिति का आकलन करने में मदद करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *