दादी-नानी के जमाने से बच्चों की आंखों में काजल लगाने का रिवाज चला आ रहा है।वक्त के साथ काजल और उसे लगाने के तरीकों में भी कई तरह के बदलाव आए। लेकिन आज भी कई परिवारों में बच्चों की आंखों में काजल डालना बदस्तूर जारी है। इसके पीछे मान्यता यह है कि काजल लगाने से बच्चे को नजर नहीं लगती और आंखें बढ़ी होती हैं। लेकिन डाक्टरों की राय इसके बिल्कुल उलट है। डॉक्टरों की मानें तो आंखों में काजल लगाना शिशु के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे।
बच्चों के क्यों नहीं लगाना चाहिए काजल-
काजल बनाने के लिए 50 प्रतिशत से ज्यादा लीड का इस्तेमाल किया जाता है। लीड सेहत के लिए बहुत हानिकारक तत्व है। यह किडनी, मस्तिष्क, बोन मैरो और शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है। यदि खून में लीड का स्तर बढ़ जाए, तो इससे व्यक्ति कोमा तक में जा सकता है, उसे बेहोशी और ऐंठन हो सकती है। यहां तक कि उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
शिशु पर काजल का प्रभाव-
चूंकि, बच्चे का शरीर अभी विकसित हो रहा होता है, ऐसे में लीड के संपर्क में आने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
घर पर बना काजल कितना सेफ-
घर पर बना काजल प्राकृतिक होता है।यही वजह है कि इसे बच्चों की आंखों पर लगाने के लिए यह तर्क दिया जाता है कि घर में बने काजल का उपयोग करना सुरक्षित है जबकि डॉक्टरों की राय में यह भी सही नहीं है। आमतौर पर काजल को शिशु की आंखों पर उंगली से लगाया जाता है। इसकी वजह से बच्चे की आंखों में संक्रमण हो सकता है।
आंखों में काजल लगाने को लेकर ये हैं कुछ मिथ और सच्चाई-
-मिथ-रोजाना बच्चे की आंखों पर अगर काजल लगाया जाए तो उसकी आंखें और पलकें बड़ी होती हैं।
-सच्चाई-काजल लगाने से बच्चे की आंखें बड़ी नहीं होती हैं।
मिथ-काजल लगाने से बच्चा देर तक सो सकता है।
सच्चाई- काजल को लेकर अभी तक कोई ऐसा शोध सामने नहीं आया है, जो इस बात की पुष्टि करे। आमतौर पर हर शिशु रोजाना 18 से 19 घंटे तक सोता है।
मिथ-घर का बना काजल सुरक्षित है?
सच्चाई- घर का बना काजल बाजार में मिलने वाले बाकी कमर्शियल काजल से तो बेहतर हो सकता है बावजूद इसके इसमें मौजूद कार्बन बच्चों की आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसके अलावा इस काजल को बच्चे की आंखों में सीधे उंगली से लगाने की वजह से यह आंख में संक्रमण का कारण भी बन सकता है।
मिथ-बुरी नजर से बचाता है काजल।
सच्चाई-काजल लगाने से बच्चा बुरी नजर से बचा रहता है यह लोगों की निजी मान्यता है। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
मिथ-काजल बच्चे की आंखों की रोशनी तेज करता है।
सच्चाई-यदि ऐसा होता तो दुनियाभर के सभी डॉक्टर उन सभी मरीजों को जिनकी आंखें कमजोर हैं, उन्हें काजल लगाने का सुझाव देते।
Disclaimer- इस आलेख में दी गई जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।