कोरोना संकट से हो रहे आर्थिक नुकसान का सीधा असर विदेशों में काम कर रहे भारतीयों पर पड़ा है। सबसे ज्यादा प्रभाव खाड़ी देशों में नजर आ रहा है। हजारों भारतीय कामगारों की नौकरी चली गई है। अकेले यूएई में 40 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। सऊदी अरब में अगले कुछ महीने भारतीय नागरिकों के लिए काफी कठिन बताए जा रहे हैं। हालांकि, अभी सरकार ने इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सरकार के सूत्र ये मान रहे हैं कि बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक खाड़ी देशों में प्रतिकूल स्थिति की वजह से बेरोजगार हुए हैं। जिन लोगों की नौकरी गई है, उनको राहत देने के लिए दो स्तरों पर कार्रवाई हो रही है। खाड़ी देशों से सम्पर्क कर कोशिश की जा रही है कि भारतीयों के साथ कॉन्ट्रैक्ट नियमों का पालन हो। जिनकी नौकरी गई है, उनको स्थानीय स्तर पर राहत दिलाने के लिए कदम उठाए गए हैं। नौकरी गंवा चुके लोगों को भारत में भी अवसर दिलाने के लिए कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय ने राज्य सरकारों से संपर्क कर बताया है कि जिन लोगों को यहां लाया जा रहा है, उनकी योग्यता का सरकार के अलग-अलग फ्लैगशिप कार्यक्रम में फायदा उठाया जा सकता है। सभी राज्य सरकारों से कामगारों की विशेषज्ञता को साझा किया जाएगा। साथ ही केंद्र में भी सम्बंधित मंत्रालयों से जानकारी साझा की जाएगी।
आकलनर का असर:-
भारत ने सऊदी अरब में भी कानूनी बदलाव के लिए चल रही कवायद से जुड़ी रिपोर्ट का संज्ञान लिया है। खाड़ी देशों से इतर पड़ रहे असर का आकलन किया जा रहा है। यूके, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में भारतीयों के रोजगार पर असर की आशंका जताई है। पार्ट टाइम काम करने वाले छात्रों की नौकरी चली गई है, जिससे वे कई संकटों का सामना कर रहे हैं।