डोमिनिका की जेल में बंद भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बड़ा झटका लगा है। डोमिनिका की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के देश में अवैध प्रवेश के मामले में उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है। बता दें कि बीते दिनों मेहुल चोकसी एंटीगुआ से लापता होकर डोमिनिका में पकड़ा गया था। आज डोमिनिका हाईकोर्ट में इस मामले पर फैसला आ सकता है।
कोर्ट के इस फैसले के बाद मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि वह मेहुल की जमानत के लिए ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। बता दें भगोड़ा कि मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में भारत में वांछित है। उसके वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल को एंटीगुआ के जॉली हार्बर से अगवा किया गया और उसे करीब 100 नॉटिकल मील दूर एक नौका से डोमिनिका ले जाया गया।
डोमिनिका के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बुधवार को हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को देश में अवैध रूप से घुसने के आरोपों का जवाब देने के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था। चोकसी व्हील चेयर पर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश हुआ। उसने नीले रंग की टी-शर्ट पहन रखी थी। इससे पहले, डोमिनिका के उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बर्नी स्टीफेंसन ने चोकसी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर करीब तीन घंटे तक सुनवाई करने के बाद उसे मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किए जाने का आदेश जारी किया था।
मजिस्ट्रेट कोर्ट में चोकसी ने दावा किया था कि उसे एंटीगुआ एंड बारबुडा से अपहरण कर जबरन कैरीबियाई द्वीप देश में लाया गया। इधर, उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार तक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। चोकसी की दलीलें खारिज करते हुए उच्च न्यायालय में अभियोजन पक्ष ने कहा कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका टिकती ही नहीं है क्योंकि आरोपी अवैध रूप से देश में घुसा और उसे बाद में उसे हिरासत में ले लिया गया।
चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, ‘हमारा मानना है कि मेहुल चौकसी अवैध हिरासत में है क्योंक उसे 72 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना था, जबकि ऐसा नहीं किया गया, इससे उनके रुख की पुष्टि हुई है। इसके उपचार के तहत उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने को कहा गया है। इससे मेहुल चोकसी की अवैध हिरासत की पुष्टि होती है जैसा कि बचाव पक्ष की दलील है।’
उन्होंने कहा, ‘जिस विषय की सुनवाई की जा रही है, वह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका है, न कि भारत में उसे प्रत्यर्पित करने का विषय। उसकी नागरिकता का विषय अदालत के सामने नहीं है। मीडिया की विभिन्न खबरों के विपरीत भारत सरकार के बारे में कोई चर्चा ही नहीं हुई।’ न्यायाधीश बर्नी स्टीफेंसन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामले की सुनवाई की।
चोकसी 23 मई को एंटीगुआ से रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था जहां वह 2018 से एक नागरिक के रूप में रह रहा था। उसे पड़ोसी डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने पर हिरासत में लिया गया था। वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ संभवत: कथित रोमांटिक तरीके से भागा था। उसकी गर्लफ्रेंड को लेकर बड़ी अफवाह है। वैसे चौकसी की पत्नी प्रीति ने कहा कि जिस महिला की चर्चा की जा रही है, वह उसकी (उनके पति की) गर्लफ्रेंड नहीं है। प्रीति के अनुसार महिला चोकसी की परिचित थी और वह उसके साथ घूमने जाती थी। उन्होंने कहा कि चोकसी को भारतीय जैसे दिखने वाले लोगों एवं एंटीगुआई लोगों ने उस समय अगवा किया जब वह उस महिला से मिलने गए थे।
बुधवार को चोकसी ने डोमिनिका-चाइना फ्रेंडशिप अस्पताल से सुनवाई में हिस्सा लिया जहां उसे हाल ही में भर्ती कराया गया था। न्यायाधीश ने प्रशासन को अदालती दस्तावेज चोकसी को उपलब्ध करने को कहा। चोकसी के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल पुलिस हिरासत में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा और उसे एंटीगुआ एंड बारबुडा वापस भेज दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी सुरक्षा के लिए भुगतान करेगा।
चोकसी के वकीलों ने अपने मुवक्किल के शरीर पर चोट के निशान और उसे अस्पताल में भर्ती कराने का मुद्दा भी उठाया। प्रतिकूल आदेश की स्थिति में चोकसी के पास ऊपरी अदालत में अपील करने का विकल्प होगा। चोकसी को भारत लाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों की एक टीम डोमिनिका गई है।