पंचायत चुनाव और कोरोना महामारी का खतरा
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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जोरों पर है। क्योंकि चुनाव आयोग ने इसे अपने तय समय पर ही कराने के आदेश जो दे रक्खे है।सरकार भी इस आदेश के पक्ष में है।वहीं दूसरी और कोरोना वायरस ने तबाही मचा रक्खी लोग एक एक सांस के लिए जद्दोजहद कर रहे है। सरकार भी अपनी जनता को बचाने में कहीं न कहीं विफल साबित नजर आ रही है। अस्पताल मरीजों से भरे पड़े है जगह नही है। दूसरे मरीज को भर्ती करने की।लोग सड़कों पर दम तोड़ रहे है। ऑक्सीजन की किल्लत ने न जाने कितने लोगों को मौत की नींद सुला चुकी है।परंतु इस विषम परिस्थितियों में पंचायत चुनाव जरूरी है। हमारे देश भारत में अधिकांस आबादी गांवों में निवास करती है।हमारा देश कृषि प्रधान देश कहलाता है।और गांव की जनता खेती किसानी कर अपना पेट भर्ती है।तथा सहरी लोग भी इन्ही किसानों के भरोसे ही रहते है।इस महामारी में सरकार पंचायत चुनाव कराकर ग्रामीण जनता को मौत के मुंह में इन्हें झोंकने का काम कर रही है। गांवों में भी कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। लोग बाहर से गांव में लगातार आ रहे है।क्योंकि गांवों में चुनाव जो चल रहे है।जो व्यक्ति बाहर से आ रहे है।उनकी ना तो स्क्रीनिंग हो रही है। और न ही कोई जांच हो रही है। गांवों में एक भी कोरेन्टीन सेंटर नहीं बने है।जब कि कोरोना की पहली लहर से दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है।लोग एक दूसरे से बराबर मिल जुल रहे है।और एक दूसरे को संक्रमण बांट रहे है। गांवों में प्रत्याशी मीटिंगें कर रहे है।रैलियां निकाल रहे है। मास्क तो दूर की बात है सोशल डिस्टेंसिन का कोई भी व्यक्ति पालन नही कर रहा है।ऐसे में जो ग्रामीण क्षेत्र के व्यक्ति है। उनमें से अधिकांश लोग संक्रमित है।और सहरी क्षेत्रों में भी लगातार आवागमन कर रहे है।जो चिंता का विषय बना हुआ है।इस महामारी ने कितने प्रत्याशियों को मौत की नींद सुला दिया है।फिर भी सरकारें नींद से नही जाग रही है।चुनाव के बाद कितनी तेजी से संक्रमण फैलेगा इस का कोई अंदाजा नही लगाया जा सकता है। सरकार ने दो दिन का सहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लॉक डाउन लगा कर सेनेटाइजेशन का आदेश दे रक्खा है। बावजूद इसके गांवों में सेनेटाइजेशन का कार्य भी नही कराया गया है। जिससे खतरा और भी बना हुआ है। तेजी से फैल रहे संक्रमण पर सरकार कैसे लगाएगी रोक?यदि ग्रामीण क्षेत्रों के हालात ज्यादा बिगड़े तो कैसे होगा इनका इलाज?बिगड़ी हुई स्वास्थ्य सुविधाएं और संक्रमण का मंडराता हुआ खतरा ऐसे में कैसे कोरोना से लड़ेगा इंडिया