प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आठ चरणों वाले बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान का अंत कुछ अलग अंदाज में किया है। पीएम मोदी ने शाम को वर्चुअल तरीके से रैली को संबोधित किया जिसमें न तो उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और न ही सत्ताधारी पार्टी टीएमसी का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में भ्रष्टाचार, घुसपैठ, तस्करी, हिंसा और अवैध कारोबार को विकास का घोर दुश्मन करार देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि आज के बंगाल में शांति, सुरक्षा और विकास की एक ललक दिख रही है और इसलिए वह भेदभाव से मुक्त और सद्भाव से युक्त व्यवस्था के लिए मतदान कर रहा है।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोलकाता, बीरभूम, मालदा और मुर्शीदाबाद के मतदाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह दावा भी किया कि दो मई को राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद कोलकाता को ”सिटी ऑफ फ्यूचर (भविष्य के शहर) के रूप में विकसित किया जाएगा। बता दें कि पीएम मोदी ने गुरुवार को ही ट्वीट कर बताया था कि शुक्रवार को कोरोना की स्थितियों को लेकर मीटिंग करेंगे जिसकी वजह से वो बंगाल नहीं जा पाएंगे।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को बंगाल में रोड शो और बड़ी रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया और राज्य में कोरोनो वायरस संक्रमण में तेज वृद्धि के मद्देनजर रैलियों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को सीमित कर 500 कर दिया था। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद पीएम मोदी को चार रैलियों को रद्द करना पड़ा। हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से प्रतिबंधों का ऐलान होने से पहले ही पीएम मोदी ने कह दिया था कि वो शुक्रवार को बंगाल नहीं जाएंगे।
26 और 29 अप्रैल को होने वाले अंतिम दो चरणों में बड़ी संख्या में लोगों को वोट देने का आग्रह करते हुए पीएम मोदी ने अपने 32 मिनट के लाइव भाषम का समापन करते हुए कहा कि चार दशकों के बाद बंगाल के लोग अपनी पसंद की सरकार बनाने का प्रयास कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे अपनी अंतिम रैली को संबोधित करने के लिए फिजिकली आना था लेकिन, वर्चुअली यह मेरी अंतिम रैली भी है।