पंजाब नेशनल बैंक में अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला करने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटिश अदालत में बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण को हरी झंडी देते हुए कहा है कि नीरव मोदी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और वह दोषी साबित हो सकता है।
49 वर्षीय नीरव मोदी के दक्षिण-पश्चिम लंदन स्थित वॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुआ। जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने फैसला सुनाते हुए नीरव मोदी की ओर से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उठाए गए मुद्दों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यदि नीरव का भारत में प्रत्यर्पण होता है तो उनके साथ अन्याय नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि मुंबई के ऑर्थर रोड जेल का बैरक 12 नीरव मोदी के लिए फिट है।
जज ने कहा कि नीरव मोदी को आर्थर रोड जेल में पर्याप्त इलाज और मेंटल हेल्थ केयर की सुविधा दी जाएगी और वहां उसके द्वारा आत्महत्या का कोई जोखिम नहीं है। जज ने नीरव मोदी के बचाव पक्ष के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि भारत के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने केस को प्रभावित करने का प्रयास किया।
हीरा कारोबारी नीरव मोदी फिलहाल लंदन की एक जेल में बंद है। अदालत के फैसले को इसके बाद ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, नीरव मोदी के पास अभी हाई कोर्ट में अपील का अधिकर है।
नीरव मोदी को प्रत्यर्पण वॉरंट पर 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था और प्रत्यर्पण मामले के सिलसिले में हुई कई सुनवाइयों के दौरान वहवॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिए शामिल हुआ था। जमानत को लेकर उसके कई प्रयास मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में खारिज हो चुके हैं। क्योंकि उसके फरार होने का जोखिम है। उसे भारत में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामलों के तहत आपराधिक कार्यवाही का सामना करना होगा। इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं।