वाराणसी
बनारस की गलियों में क्रिकेट खेलकर सूर्य कुमार यादव का चयन भारतीय टीम में , उनके पहले कोच चाचा ने कहा सपना सच हुआ
- बनारस के गलियों में क्रिकेट का ककहरा सिखने के बाद आईपीएल में कई वर्षों से शानदार प्रदर्शन कर रहे वाराणसी के सूर्य कुमार यादव का चयन आखिरकार टीम इंडिया में हो ही गया। इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टी-20 सीरीज के लिए हुई 19 सदस्यीय भारतीय टीम में धाकड़ बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव भी शामिल हैं। यह पहला मौका है जब वाराणसी का कोई क्रिकेटर टीम इंडिया में खेलेगा। इसकी सूचना मिलने के बाद वाराणसी में उसके पहले कोच उसके चाचा विनोद यादव और परिवार बेहद खुश है उनका कहना है की सपना अब सच हो गया है
. गाजीपुर-बनारस के बीच हथौड़ा गांव में सुर्यकुमार का पुश्तैनी गांव है. सुर्यकुमार बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौकीन रहा है. इसी वजह से 10 साल की उम्र में वह बेहतर प्रैक्टिस के लिए मुंबई चला गया. उनके पिता अशोक कुमार यादव भाभा रिसर्च सेंटर में इंजीनियर के पद पर है दरसल मुम्बई जाने से पहले बहुत छोटी सी उम्र में सूर्यकुमार वाराणसी के नानक नगर में अपने चाचा विनोद यादव के यहाँ कुछ दिनों तक रहा इस दौरान उसने गली में ही क्रिकेट खेलकर अपना क्रिकेट के प्रति लगाव जता दिया था उसके बाद उसके चाचा जो उसके पहले कोच बने उसे लेकर स्टेडियम ले जाते रहे है और बाद में वो मुम्बई चला गया सूर्य कुमार यादव के पहले कोच उसके चाचा विनोद यादव बताते है की इसी गली वो खेलता और जब वो स्टेडियम भी जाता तो कहता मुझे तेज गेंद फेको डरता नहीं था और सचिन तेंदुलकर को वो अपना रोल मॉडल मानता है और उनके गुरु रमाकांत आचरेकर की अकादमी में सूर्य कुमार के पिता उसे ले जाते रहे है और आज वो दिन आ गया जिसका हमें वर्षो से इन्तजार था। वाराणसी के जिस नानक नगर की गली में सूर्य कुमार यादव ने क्रिकेट की पहली सीढ़ी चढ़ी और अपने पहले कोच अपने चाचा से पहली दीक्षा ली
बाइट :- विनोद कुमार यादव (सूर्य कुमार यादव के चाचा और उसके पहले कोच )
सूर्य कुमार यादव का चयन भारतीय टीम में होने के साथ ही घरवालों में खुशी की लहर दौड़ गई। क्रिकेट प्रेमी भी उत्साहित हो गए। वाराणसी में रहने वाले सूर्यकुमार के चाचा विनोद यादव का कहना है सूर्यकुमार एक अच्छा बल्लेबाज है। हमें काफी दिन से इस घड़ी का इंतजार था। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इंग्लैंड के खिलाफ भी सूर्यकुमार शानदार प्रदर्शन करेंगे।एक दूसरे को मिठाई खिलाकर वो अपनी ख़ुशी दर्शाते रहे है दरसल 2010 में सूर्यकुमार यादव को क्रिकेट में पहचान मिली। उन्होंने प्रथम श्रेणी का क्रिकेट मुम्बई के लिए खेला। दिल्ली के खिलाफ 89 गेंद पर 73 रन बनाकर चर्चा में आएं। 2010 में ही सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अंडर-22 में एक हजार से भी ज्यादा रन बनाए और एमए चिदम्बरम ट्रॉफी हासिल की 2011-12 में सूर्यकुमार का चयन रणजी टॉफी के लिए हुए। उड़ीसा के खिलाफ दोहरा शतक लगाकर इन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 2012 में आईपीएल में पहली बार उन्हें मुंबई ने खरीदा। 2013 तक मुंबई इंडियंस टीम का हिस्सा बने रहे। 2014 में केकेआर से जुड़े और मुंबई के खिलाफ 20 गेंदों में पांच छक्कों की मदद से 57 रन बनाए। बाद में केकेआर के उप कप्तान भी बने। उनके प्रदर्शन को देखते हुए मुम्बई में पुनः 2018 में उन्हें 3.20 करोड़ की भारी भरकम राशि खर्च कर खरीदा। सूर्यकुमार यादव ने 2019 व 20 में आईपीएल में मुंबई के लिए शानदार प्रदर्शन किया। देश के अलावा विदेशी खिलाड़ियों ने सूर्यकुमार की तारीफ की थी ।अब जब सपना साकार हुआ है तब सूर्य कुमार यादव के चहेरे भाई ने बताया की सूर्य कुमार बहुत मजाकिया है और अपने खेल के प्रति सबसे ज्यादा उत्साहित रहते है पूरी उम्मीद है की इंग्लैण्ड के खिलाफ उनका प्रदर्शन सबसे अच्छा होगा। वाराणसी में सूर्य कुमार के पडोसी भी बताते है की बचपन में ही क्रिकेट के प्रति उसका संर्म्पण देखकर लगता था की वो एक दिन जरूर आगे निकलेगा और आज वो दिन आ गया l
बाइट :- अश्विनी कुमार यादव (सूर्य कुमार यादव के भाई)