इलाहाबाद बैंक के ग्राहकों के लिए आज से बड़ा बदलाव हो गया है. इंडियन बैंक में मर्जर के बाद से जो नए नियम बनाए गए थे उन्हें आज से लागू कर दिया गया है. अगर आपका भी इलाहाबाद बैंक में खाता था तो आप भी इंडियन बैंक की नजदीकी शाखा में जाकर संपर्क कर सकते हैं.
दिल्ली: बैंक मर्जर के बाद अब देश में चुनिंदा 4 बैंक ही बचे हैं. ऐसे में उन बैंक के ग्राहकों के लिए बदलाव का दौर शुरू हो गया है जिनके बैंक का दूसरी बैंक में विलय हो गया था. इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हुआ था जिसके बाद आज से नए नियम लागू हो गए हैं. अब ग्राहकों को मनी ट्रांसफर के लिए नए IFSC कोड का इस्तेमाल करना होगा.
जान लीजिए नए नियम
ऑनलाइन बैंकिंग के लिए इलाहाबाद बैंक के खाताधारकों को अब indoASIS ऐप डाउनलोड करना होगा. आज सुबह 9 बजे से इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा इलाहाबाद बैंक के खाताधारकों के आईएफएससी कोड, मोबाइल बैंकिंग एप, चेक बुक और पासबुक में किया गया बदलाव आज से लागू हो गया है. ग्राहकों को कोई परेशानी न हो इस वजह से इलाहाबाद बैंक ने पहले ही सभी खाताधारकों से नए बदलाव को अपनाने की अपील की थी. दरअसल 1 अप्रैल 2020 से इलाहाबाद बैंक का Indian Bank में मर्जर हो चुका है. जिसके बाद आरटीजीएस (RTGS), एनईएफटी (NEFT), आईएमपीएस (IMPS) के लिए ‘IDIB’ से शुरू होने वाला अपना नया IFSC कोड जानने के लिए ग्राहक अपनी होम ब्रांच से संपर्क कर सकते हैं या फिर www.indianbank.in/amalgamation पर लॉग इन कर नया IFSC कोड हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा नया आईएफएससी कोड पाने के लिए ग्राहक अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 92688 01962 पर SMS भी कर सकते हैं.
6 महीने वैलिड रहेगी चेक बुक
भले ही आज से ऑनलाइन बैंकिंग में बदलाव हो गया हो लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि आपकी चेक बुक तत्काल प्रभाव से निष्क्रिय (Inactive) हो गई है. इलाहाबाद बैंक की चेकबुक अगले 6 महीने या फिर चेक खत्म होने तक काम करती रहेगी. चेक बुक के अलावा एटीएम भी पहले की तरह से 6 महीने सक्रिय रहेंगे. इलाहाबाद बैंक के ग्राहक अधिक जानकारी के लिए कस्टमर केयर नंबर 1800-425-00000 पर फोन कर सकते हैं.
परेशान न हों खातेदार
ग्राहकों को कोई परेशानी न हो इसके लिए बैंक की तरफ से पूरी सावधानी बरती गई है. इंटरनेट बैंकिंग के लिए http://indianbank.net.in का इस्तेमाल ग्राहक कर सकेंगे. वेबसाइट के जरिए नए नियमों की पूरी जानकारी खातेदारों को मिल जाएगी और ये भी पता चल जाएगा कि पुरानी बैंक से जुड़े हुए कागजात वो कैसे और कहां अपडेट करा सकते हैं.